
राजस्थान के किसानों ने इस बार अलग तरीके से दिवाली मनाई. जयपुर के नींदड गांव के किसान पिछले 18 दिनों से जमीन सत्याग्रह कर रहे हैं. दिवाली के दिन भी इन्होंने अपने घर जाकर दिवाली मनाने के बजाए प्रदर्शन स्थल पर ही जमीन के गड्ढों में ही दिवाली मनाई. इस दौरान किसानों ने जमीन समाधि के साथ ही दीये जलाए.
गौरतलब है कि जयपुर के किसान नींदड़ में जमीन समाधि सत्याग्रह कर रहे हैं. ये प्रदर्शन जयपुर विकास प्राधिकरण की प्रस्तावित नींदड़ आवासीय योजना के विरोध में किया जा रहा है. जमीन समाधि के लिए किसानों का पूरा शरीर गड्ढों के अंदर है, बस सिर ही सिर बाहर है. किसानों ने जमीन बचाने के लिए इस आंदोलन की शुरुआत दो अक्टूबर को की थी.
दरअसल, जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) ने इस गांव के किसानों को जमीन खाली करने के लिए नोटिस थमा रखे हैं. सरकार का कहना है कि करीब 1350 बीघा जमीन 2010 में ही कालोनी बनाने के लिए अधिगृहित की जा चुकी है. वहीं किसानों का कहना है कि सरकार उनकी जमीन को ऊंचे दामों पर बेचकर कॉलोनी बसाना चाहती है.
सरकार ने जमीन का मुआवजा नहीं लेने वाले किसानों का मुआवजा कोर्ट में जमाकर बेदखली की प्रक्रिया शुरू कर दी है. सरकार का कहना है कि किसान कोर्ट मे जमा मुआवजा ले लें और जमीन खाली कर दें. मुआवजे की बात पर किसान कहते हैं कि हर किसान की थोड़ी-थोड़ी जमीन उनके खुद के रहने के लिए है, उसे कैसे सरकार उनसे ले सकती है. किसानों के मुताबिक जमीन देने से अच्छा है कि वो खुद ही जमीन में रह कर अपनी जान दे दें.
नींदड़ में खेती की जमीन की अधिग्रहण योजना के खिलाफ किसानों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है. ज़मीन अधिग्रहण के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों का कहना है कि जब तक सरकार और जयपुर विकास प्राधिकरण हमारी जमीन की अधिग्रहण को निरस्त नहीं करेंगे तब तक ये आंदोलन जारी रहेगा.