
राजस्थान में नौकरी में चयन के बावजूद नौकरी नहीं मिलने से परेशान अनशन पर बैठे छात्र ने अनशन स्थल पर ही सात फेरे लेकर शादी की. स्पेशल बैकवर्ड कास्ट में चयनितों की नियुक्ति को लेकर पिछले आठ दिनों से छात्र दौसा के जिला कलेक्ट्री में क्रमिक अनशन पर बैठे थे.
अनशन पर बैठे इन छात्रों में से देवराज नाम के एक छात्र की शादी की तारीख आ गई. लेकिन उसने अनशन तोड़ने के बजाए अनशन स्थल पर ही बारात बुला ली और बारातियों के बीच दूल्हा बनकर धरना स्थल पर ही सात फेरे लेकर शादी कर ली . दौसा के गुजरान झोपड़ीन के देवराज और गुढ़ाआशिक पुरा की ममता ने जिंदगी की शुरुआत अनशन स्थल से की. इस अनूठी शादी में सभी तरह की रस्में पूरी की गईं. देवराज के घर की महिलाएं भी ट्रैक्टर से धरना स्थल पर पहुंचीं और शादी के मंगल गीत गाए.
इसी जगह पर दूल्हे देवराज को हल्दी लगाई गई और फिर तोरण बांधे गए. उसके बाद पंडित के मंत्रोच्चार के बीच फेरे लेकर दूल्हा-दुल्हन ने एक दूसरे को वरमाला भी पहनाई. शादी के बाद वहीं धरना स्थल पर ही भोजन का
भी कार्यक्रम हुआ. जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने शिरकत की.
शादी के बाद दुल्हन ममता इस चेतावनी के साथ ससुराल चली गई कि अगर सरकार उसके पति की मांग नहीं मानती है तो दो दिन बाद वो भी वापस आकर इसी जगह पर पति के साथ धरने पर बैठ जाएगी. दरअसल देवराज की नौकरी लगने पर ही उसकी शादी तय हुई थी. राजस्थान सरकार ने स्पेशल बैकवार्ड कास्ट कोटे के तहत गुर्जर आरक्षण दिया था और देवराज का सरकारी नौकरी में क्लर्क पद पर चयन हुआ था. लेकिन हाईकोर्ट ने गुर्जर आरक्षण पर रोक लगा दी और देवराज की नियुक्ति भी रूक गई. इससे खफा नौकरी में चयन हुए चार छात्र पिछले आठ दिनों से क्रमिक अनशन पर बैठ गए हैं. हालांकि सरकार का कहना है कि वो इस मसले का हल निकालने में लगे हैं. इस अनोखी शादी में बारात बनकर गुर्जर आरक्षण संघर्ष समीति के बहुत लोग शामिल हुए.