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राजस्‍थान उपचुनाव: प्रचार के आखिरी दिन BJP-कांग्रेस ने झोंकी ताकत

विधानसभा उपचुनाव के प्रचार के आखिरी दिन तमाम दिग्‍गज चुनाव मैदान में उतर गए हैं. इस चुनाव में हार जीत का असर कई मायनों में आने वाले विधानसभा चुनाव पर पड़ने के आसार हैं. इस वजह से भी बीजेपी और कांग्रेस के नेता यहां जीत के लिए पूरी ताकत लगा रहे हैं.

मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे (फाइल) मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे (फाइल)
रणविजय सिंह/शरत कुमार
  • अजमेर,
  • 27 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 5:11 PM IST

राजस्थान में दो लोकसभा और एक विधानसभा उपचुनाव प्रचार का शनिवार को आखिरी दिन है. दिसंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले इसे सेमीफाइनल के रूप में देखा जा रहा है. लिहाजा बीजेपी और कांग्रेस ने पूरी ताकत झोंक रखी है. प्रचार के आखिरी दिन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे अजमेर में रोड शो किया तो कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट और राज बब्बर भी अजमेर में रोड शो किया.

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विधानसभा उपचुनाव के प्रचार के आखिरी दिन तमाम दिग्‍गज चुनाव मैदान में उतरे. इस चुनाव में हार जीत का असर कई मायनों में आने वाले विधानसभा चुनाव पर पड़ने के आसार हैं. इस वजह से भी बीजेपी और कांग्रेस के नेता यहां जीत के लिए पूरी ताकत लगा रहे हैं.

अंतिम दिन जहां खुद मुख्‍यमंत्री वसुंधरा राजे ने रोड शो किया. वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी अलवर में रोड शो किया. बता दें, 29 जनवरी को इन तीनों सीट पर मतदान होने हैं.

वसुंधरा बोलीं-हमें भगवान और जनता जनार्दन पर भरोसा

इस दौरान वसुंधरा राजे ने तीनों सीटों पर चुनाव जीतने का दावा करते हुए कहा कि मेरा तो सब कुछ भगवान भरोसे है. मेरे सामने खड़ी जनता मेरे लिए ईश्वर है और इनसे ही मुझे जीत की उम्मीद है. कांग्रेस की ओर से सचिन पायलट के रोड शो में राज बब्बर और नगमा शामिल हुए. पुष्कर से शुरू होकर अजमेर के अलग-अलग इलाकों में  रोड शो हुआ.

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सचिन पायलट ने तीनों सीटें जीतने का दावा किया

सचिन पायलट ने कहा कि हम तीनों सीटें जीत रहे हैं. दरअसल कांग्रेस ने इसे बीजेपी के 4 साल के कार्यकाल पर रेफरेंडम करार दिया है तो बीजेपी विधानसभा चुनाव से पहले इन तीनों सीटों पर चुनाव जीतकर दिखाना चाहती है कि राज्य में एंटी इनकंबेंसी का कोई फैक्टर नहीं है.

उधर अशोक गहलोत गुजरात विधानसभा चुनाव के बाद मजबूत बनकर उभरे हैं. ऐसे में राजस्थान में अपने वजूद को बचाने के लिए सचिन पायलट को दिखाना होगा कि जनता उन्हें पसंद करती है.

BJP के लिए विधानसभा चुनाव से पहले इन तीनों सीटों को जीतना जरूरी है. इसे वसुंधरा सरकार के 4 साल के कार्यकाल के रेफरेंडम के रूप में देखा जा रहा है.

दूसरी ओर सचिन पायलट को भी अपना वजूद साबित करना है. कांग्रेस के प्रचार में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी पूरी ताकत लगा रहे हैं. अब देखना दिलचस्‍प होगा कि 29 को मतदाता किसे चुनते हैं और किसे नकारते हैं. फिलहाल कांग्रेस और बीजेपी दोनों के लिए यह तीनों ही सीट प्रतिष्ठा का सवाल बनी हुई हैं.

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