
आम आदमी पार्टी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. केजरीवाल के 20 विधायकों पर ऑफिस ऑफ प्रोफिट के चलते कार्रवाई हुई है और उनकी सदस्यता राष्ट्रपति ने रद्द कर दी है. ऐसे में अगर कोई कानूनी राहत नहीं मिली तो दिल्ली की 20 सीटों पर उपचुनाव होने का ही रास्ता बचता है.
आम आदमी पार्टी चुनाव आयोग के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देगी. राहत मिली तो ठीक और नहीं मिली तो दिल्ली में उपचुनाव की स्थिति बन सकती है. इसके बावजूद केजरीवाल की सरकार को दूर-दूर तक कोई खतरा नहीं होगा, क्योंकि विधानसभा में आम आदमी पार्टी की स्थिति दो तिहाई बहुमत से भी ज्यादा मजबूत बनी रहेगी. बीजेपी और कांग्रेस पार्टियां केजरीवाल का इस्तीफा मांग रही हैं. दिल्ली विधानसभा में क्रमश: 0 और 4 विधायकों वाली कांग्रेस व बीजेपी इन 20 सीटों पर संभावित विधानसभा उपचुनाव की तैयारी में जुट गई हैं. उधर आम आदमी पार्टी ने शनिवार को ही अपने तमाम बड़े नेताओं विधायकों और कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाई, जिसमें एफडीआई और सीलिंग के मुद्दे पर बीजेपी को घेरने की रूपरेखा रची गई.
क्या है आम आदमी पार्टी की तैयारी?
दिल्ली में नगर निगम द्वारा अलग-अलग इलाकों में सीलिंग की जा रही है. साथ ही रिटेल में मोदी सरकार द्वारा एफडीआई लागू करने के मुद्दे पर भी आम आदमी पार्टी रणनीति बना रही है. 23 जनवरी को दिल्ली के सैकड़ों व्यापारिक संगठन सड़कों पर उतरेंगे. आम आदमी पार्टी भी अपने ट्रेड विंग समेत सभी नेताओं कार्यकर्ताओं पर सीलिंग के खिलाफ सड़कों पर उतर कर बीजेपी को घेरने की कोशिश करेगी. उसके ठीक 1 हफ्ते बाद यानी 29 जनवरी को जब संसद का बजट सत्र शुरू होगा, उस दिन आम आदमी पार्टी के सांसद लोकसभा में और तीन नए चुने गए सांसद राज्यसभा में दिल्ली में हो रही सीलिंग और रिटेल में एफडीआई के मसले पर मोदी सरकार को घेरने की कोशिश करेंगे. संसद के साथ-साथ आम आदमी पार्टी सड़क पर भी बीजेपी को घेरेगी. पार्टी के तमाम बड़े नेता कार्यकर्ताओं के साथ संसद मार्च करेंगे.
आम आदमी पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष गोपाल राय ने आजतक की टीम को बताया कि इन दो मसलों पर हम सरकार से जवाब तलब करेंगे. इससे देश के व्यापारियों और सीलिंग के चलते दिल्ली में व्यापारियों समेत मजदूरों का कामकाज ठप पड़ गया है और रोजी रोटी के लाले पड़ गए हैं.
चुनाव आयोग के फैसले पर आम आदमी पार्टी हाईकोर्ट में भी जंग लड़ेगी. लेकिन अगर चुनाव की स्थिति बनती है तो उसे जनता की अदालत में जाना पड़ेगा.
आम आदमी पार्टी सीलिंग के मुद्दे पर भाजपा को घेरने की पूरी तैयारी कर चुकी है. यहां तक कि आम आदमी पार्टी ने पोस्टर भी जारी कर दिए हैं. इस बारे में आप विधायक और नियुक्त संसदीय सचिव अलका लांबा ने बताया कि पार्टी हर मोर्चे पर तैयार है और सीलिंग और एफडीआई का मुद्दा लोगों से जुड़ा हुआ मुद्दा है. ऐसे में अगर दिल्ली पर चुनाव थोपा जाता है तो उनकी पार्टी उन्हीं मसलों को लेकर वह जनता के बीच जाएगी.
पार्टी दारोमदार अपने उन तीन नए राज्यसभा सांसदों पर भी छोड़ेगी, जिनके चुनाव पर भी बखेड़ा खड़ा हुआ था. आपके नए नवेले राज्यसभा सांसद नारायण गुप्ता भी मानते हैं. ऊपरी सदन में खुद को साबित करना उनके लिए भी चुनौती होगी और उस चुनौती का पहला अध्याय शुरू होगा पार्टी के मुद्दे को राज्यसभा में उठाने से.
AAP के नारायण गुप्ता ने बताया कि अरविंद केजरीवाल ने जब 20 विधायकों को अपने घर बुलाया था तो उन्हें संदेश दे दिया था कि वह हर स्थिति के लिए तैयार रहें. चाहे लड़ाई अदालत में हो या जनता की अदालत में. पार्टी के पास मुद्दा तैयार है, जिससे संगठन और नेताओं को एक मंच पर लाने की तैयारी चल रही है. पार्टी के नेता भी मान रहे हैं किन मुद्दों को लेकर वह एकजुट हो जाएगी और चुनाव की स्थिति में विपक्षियों को घेरने की स्थिति में मजबूत हो जाएगी.