
राजस्थान के मुख्यमंत्री बनते ही अशोक गहलोत ने सख्ती दिखानी शुरू कर दी है. उन्होंने अपने अधिकारियों को दिए पहले संदेश में साफ कहा है कि सुशासन ही नई सरकार का मूलमंत्र होगा. गहलोत ने कहा है कि इसमें 'गवर्नेंस विद ह्यूमन फेस' हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता रहेगी. इसके साथ ही उन्होंने स्पष्ट कहा है कि किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
मुख्यमंत्री ने राज्य के आला अधिकारियों की अपनी तरह की पहली बैठक में ये बातें कहीं. इसमें उन्होंने कहा,'सुशासन ही हमारी सरकार का मूलमंत्र है. संवेदनशील, पारदर्शी, जवाबदेह एवं कुशल प्रशासन सर्वोच्च प्राथमिकता है.'
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि योजनाओं का लाभ आमजन तक और अंतिम छोर तक पहुंचे यह सुनिश्चित करने के लिए जमीनी स्तर से पर काम किया जाए. बैठक में गहलोत ने साफ शब्दों में कहा कि किसी भी स्तर पर किसी भी तरह का भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
उन्होंने कहा, 'हमने जनभावनाओं के आधार पर चुनावी घोषणा पत्र तैयार किया है. इसमें लोगों से किए वादे पूरे करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं. अधिकारी इस दिशा में सकारात्मक सोच तथा वित्तीय आकलन के साथ रोडमैप बनाएं ताकि इन वादों का समयबद्ध एवं प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित हो सके.
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि किसानों की समस्याओं का समाधान और युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है. अधिकारी इसके लिए इनोवेशन करें और रचनात्मक सुझाव दें.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक उन्होंने कहा कि फसल बीमा योजना को और बेहतर बनाने के प्रयास करें ताकि किसानों को इसका वास्तविक रूप में लाभ मिल सके. उन्होंने खाद, बीज, कीटनाशक आदि की गुणवत्ता तथा समय पर उपलब्धता सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए. सीएम ने सिंचाई और विद्युत आपूर्ति व्यवस्था बेहतर बनाने पर भी विशेष जोर दिया.