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राजस्थान: उंगलियों के निशान मिटने से मजदूरों, बुजुर्गों को नहीं मिल रहा राशन, अब एटीएम पर भरोसा

यह मशीन तय करती है कि किसको राशन मिले और किसको नहीं. लेकिन, राशन कार्ड में अंगूठे का निशान नहीं मिलने पर ये मशीन राशन नहीं देती.

राशन नहीं मिलने से आम लोगों को हो रही परेशानी राशन नहीं मिलने से आम लोगों को हो रही परेशानी
अंजलि कर्मकार
  • जयपुर,
  • 13 अगस्त 2016,
  • अपडेटेड 4:55 PM IST

सार्वजनिक वितरण प्रणाली की खामियों से बचने के लिए राजस्थान सरकार ने मशीन से राशन के वितरण का फैसला लिया था. अब इसमें भी खामियां सामने आ रही हैं. राशन कार्ड पर बुजुर्गों और मजदूरों के उंगलियों के निशान मिट जाने से उन्हें राशन नहीं मिल पा रहा है.

राजस्थान में हर महीने 10 से 24 के बीच राशन की दुकानों पर गेहूं, चावल और कैरोसिन बांटा जाता है, लेकिन इस बार खासियत यह है कि राशन देने के लिए खास मशीन का इस्तेमाल हो रहा है, जिसे भामाशाह ATM मशीन कहते हैं. यह मशीन तय करती है कि किसको राशन मिले और किसको नहीं. लेकिन, राशन कार्ड में अंगूठे का निशान नहीं मिलने पर ये मशीन राशन नहीं देती.

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क्या कहते हैं लोग
ठेला चलाने वाले 70 साल के नोशे खान ने बताया कि ठेला चलाते-चलाते उनके हाथ की लकीरें काफी मिट गई हैं. ऐसे में मशीन उनके उंगलियों के निशान नहीं पहचान पा रही. ऐसे में राशन नहीं मिल पा रहा. इसी तरह घरों में चौका-बर्तन का काम करने वाली गोपाली मीणा ने बताया कि वह तीन दिन से लगातार आ रही हैं. दसों उंगलियां बदल-बदल के दबा दिए, लेकिन मशीन ने उसे फीड नहीं किया और राशन नहीं दिया.

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