
राजस्थान में चल रहे सियासी संकट के बीच अशोक गहलोत के खेमे के विधायकों को जयपुर से जैसलमेर शिफ्ट किया जा रहा है. 14 अगस्त से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र की शुरुआत से पहले गहलोत खेमे के विधायकों को जैसलमेर ले जाए जाने से प्रशासनिक व्यवस्था पर विपरीत प्रभाव पड़ने के आसार है.
कोरोना संकट के बीच प्रशासनिक व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि हम गवर्नेंस पर किसी भी तरह से फर्क नहीं पड़ने दे रहे. मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि अपने मंत्रियों के साथ कल जयपुर आ जाएंगे. मैं और मेरे मंत्री जयपुर में ही रहेंगे. जैसलमेर में सिर्फ विधायक रहेंगे. उन्होंने कहा कि हमारा काम गवर्नेंस देना है. लेकिन इस समय हमारे लिए सरकार बचाना भी जरूरी है.
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गहलोत ने कहा कि हम लोग लोकतंत्र को बचाने में लगे हुए हैं. कांग्रेस है, जो लोकतंत्र को बचा रही है. उन्होंने केंद्र सरकार पर भी सीधा हमला बोला. सूबे में उत्पन्न सियासी संकट के लिए भारतीय जनता पार्टी को जिम्मेदार बताते रहे सीएम गहलोत ने कहा कि केंद्र की सरकार लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई सरकारों को अस्थिर करने में लगी हुई है.
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गौरतलब है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और अशोक गहलोत की सरकार में डिप्टी सीएम रहे सचिन पायलट के अपने विधायकों के साथ बागी तेवर अपना लेने के बाद से ही राजस्थान में सियासी उठापटक चल रही है. पायलट गुट ने गहलोत सरकार के अल्पमत में आ जाने का दावा करते हुए सरकार के नेतृत्व परिवर्तन की मांग की थी. अशोक गहलोत ने 102 विधायकों के समर्थन का दावा करते हुए राज्यपाल से विधानसभा सत्र बुलाने की मांग की थी. कई बार राज्यपाल ने विधानसभा सत्र बुलाने का प्रस्ताव खारिज कर दिया, जिसके बाद गहलोत ने राष्ट्रपति भवन तक जाकर धरना देने की चेतावनी दी थी.