
कहते हैं लोकतंत्र में चुनाव खूबसूरती है. यह मौका होता है कि जब जनता नेताओं पर अपना दबाव बनाती है. लेकिन राजस्थान में तो सरकार में शामिल कर्मचारी और अधिकारी चुनाव से पहले सरकार पर इस कदर दबाव बनाने में लगे हैं कि पूरी की पूरी राजस्थान सरकार हड़ताल पर दिख रही है. सड़क से लेकर दफ्तर तक लोग मारे-मारे फिर रहे हैं और हर जगह मैदान में जिंदाबाद मुर्दाबाद के नारे गूंज रहे हैं.
4 दिनों से हड़ताल पर राजस्थान रोडवेज बसें
राजस्थान रोडवेज की बसें पिछले 4 दिनों से हड़ताल चल रही हैं. इसकी वजह से लोग मारे-मारे फिर रहे हैं. राज्य की पांच हजार बसों के पिछले 4 दिनों से पहिए थमे हुए हैं. राजस्थान के सबसे बड़े बस अड्डे सिंधी कैंप हर तरफ अलग- अलग मजदूर संगठन के लोग क्रांतिकारी नारे लगा रहे हैं.
क्या है मांग?
राजस्थान रोडवेज की मांग है कि सरकार सातवां वेतन आयोग उनके कर्मचारियों के लिए लागू करें. नहीं तो राजस्थान में बस नहीं चलेगी.
दूसरी तरफ राजस्थान सरकार के मंत्रालय के कर्मचारियों का मानसरोवर में धरना प्रदर्शन और महापड़ाव जारी है. लोग जमीन की रजिस्ट्री कराने से लेकर लाइसेंस बनवाने और वाहन के पंजीयन के लिए भटक रहे हैं. इनका कहना है कि सरकार कर्मचारियों के साथ भेदभाव कर रही है. ये अपने 9 सूत्री मांगों को लेकर आंदोलन पर हैं. इस वजह से सामूहिक बहिष्कार किया है. यह भी अपनी वेतन विसंगति दूर करने की मांग कर रहे हैं.
पिछले 6 दिनों से आंदोलन पर बिजली कर्मचारी
वहीं जगतपुरा में बिजली कर्मचारी पिछले 6 दिनों से आंदोलन कर रहे हैं. इंजीनियर से लेकर कर्मचारियों तक के आंदोलन की वजह से बिजली विभाग का दफ्तर सुना पड़ा हुआ है. बिल जमा कराने से लेकर फाल्ट सुधारने वाला तक कोई नहीं है.
सबसे बुरी हालत तो पंचायत राज सेवा परिषद के 12,000 कर्मचारियों और अधिकारियों के हड़ताल पर चले जाने की वजह से हुआ है. राजस्थान सरकार के बीडीओ यानी प्रखंड विकास प्राधिकारी हड़ताल पर हैं, जिसकी वजह से प्रधानमंत्री आवास योजना, मनरेगा, वित्त आयोग की स्वीकृति, विधायक-सांसद कोष, स्वच्छता भारत मिशन समेत सभी सरकार के फ्लैगशिप कार्यक्रम हड़ताल पर हैं.
भारतीय मजदूर संघ भी आंदोलन पर
इसके अलावा 4 हजार सहकारी बैंककर्मी और इंवेस्टर्स सेफ्टी मिशन भी प्रदर्शन कर रहा है. एक साथ इतनी बड़ी तादाद में सरकारी कर्मचारियों के आंदोलन को देखते हुए संघ से जुड़े भारतीय मजदूर संघ भी आंदोलन पर मजबूर है. भारतीय मजदूर संघ के महामंत्री राजबिहारी शर्मा कहते हैं, 'हम सरकार के खिलाफ हैं. लेकिन हड़ताल नहीं करना चाहते हैं. हम आंदोलन कर, क्रमिक अनशन कर, चुनाव में बीजेपी को सिखाना चाहते हैं. लेकिन वामपंथी संगठनों की वजह से सब हड़ताल पर हैं.'