
पाकिस्तान उच्चायोग से कथित तौर पर 23 भारतीय पासपोर्ट गायब हो गए हैं. इस वजह से सरकार अलर्ट हो गई है. यह पासपोर्ट सिख श्रद्धालुओं के हैं, जो पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारे में दर्शन करने के लिए जाना चाहते थे. इसमें करतारपुर साहिब गुरुद्वारा भी शामिल है. इसके लिए पिछले महीने ही भारत और पाकिस्तान सरकार ने कॉरिडोर का निर्माण का शिलान्यास किया था. जिन लोगों के पासपोर्ट गायब हैं उनमें से कुछ लोगों ने एफआईआर दर्ज की है, जिसकी वजह से यह मसला विदेश मंत्रालय तक पहुंच गया है.
मंत्रालय अब इन पासपोर्ट को रद्द करने की तैयारी में है और वह अब इस मुद्दे को पाकिस्तान उच्चायोग के सामने भी उठाएगा. पाकिस्तान ने 3800 सिख श्रद्धालुओं को वीजा दिया था ताकि वह गुरु नानक देव के 21 से 30 नवंबर के बीच 549वें प्रकाशोत्सव में शामिल हो सकें. जिन 23 सिखों के पासपोर्ट गायब हुए हैं वह उन 3800 यात्रियों में शामिल थे, जिन्हें पाकिस्तान की ओर से वीजा जारी किया गया है.
पासपोर्ट खोने पर पाकिस्तान ने अपने किसी अधिकारी के जिम्मेदार होने की बात से इनकार किया है. इन सभी 23 पासपोर्ट को दिल्ली बेस्ड एजेंट ने इकट्ठा किया था जिसका दावा है कि उसने पाकिस्तान उच्चायोग के पास दस्तावेज जमा करवा दिए हैं. उसने बाद में भारतीय अधिकारियों को बाद में बताया कि जब वह पासपोर्ट लेने के लिए पाकिस्तान उच्चायोग गया तो उसे बताया गया कि उनके पास दस्तावेज नहीं हैं.
आधिकारिक सूत्र ने कहा, 'यह एक गंभीर मसला है और हमने इन पासपोर्ट के किसी भी तरह के गलत इस्तेमाल को रोकने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए हैं.' भारत सरकार ने जहां सिख भावनाओं को ध्यान में रखते हुए करतारपुर साहिब के लिए 24×7 का प्रवेश और तीर्थयात्रियों की अप्रतिबंधित संख्या की मांग की है.
वहीं अधिकारियों ने कहा है कि पाकिस्तान बेस्ड आतंकवादियों द्वारा इस कॉरिडोर के गलत इस्तेमाल को रोकने के लिए हर संभव कदम उठाए जाने चाहिए.