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इंडिया टुडे की 3 महिला पत्रकारों को प्रतिष्ठित गोयनका अवॉर्ड

उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने इंडिया टुडे की पत्रकार बिपाशा मुखर्जी, मनोग्या लोइवाल और मौमिता सेन को प्रतिष्ठित रामनाथ गोयनका उत्कृष्ट अवॉर्ड  प्रदान किया.

इंडिया टुडे की 3 महिला पत्रकारों को प्रतिष्ठित गोयनका अवॉर्ड इंडिया टुडे की 3 महिला पत्रकारों को प्रतिष्ठित गोयनका अवॉर्ड
राम कृष्ण
  • नई दिल्ली,
  • 20 दिसंबर 2017,
  • अपडेटेड 11:07 PM IST

इंडिया टुडे की तीन महिला पत्रकारों को प्रतिष्ठित रामनाथ गोयनका उत्कृष्ट अवॉर्ड से नवाजा गया है. इनको पत्रकारिता के क्षेत्र में अहम योगदान के लिए यह पुरस्कार मिला है. उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने इंडिया टुडे की पत्रकार बिपाशा मुखर्जी, मनोज्ञा लोइवाल और मौमिता सेन को यह पुरस्कार प्रदान किया.

इस साल 27 पत्रकारों को रामनाथ गोयनका अवॉर्ड दिया गया है. जूरी ने 2016 के लिए आई लगभग 800 प्रविष्टियों में से विजेताओं का चुनाव किया. सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश बीएम श्रीकृष्ण, एचडीएफसी लिमिटेड के अध्यक्ष दीपक पारेख, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी और वरिष्ठ पत्रकार पामेला फिलिपोसे जैसे सुप्रसिद्ध लोग जूरी के सदस्य हैं.

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रामनाथ गोयनका उत्कृष्ट पत्रकारिता पुरस्कार की स्थापना एक्सप्रेस समूह ने अपने संस्थापक रामनाथ गोयनका के जन्मशताब्दी वर्ष पर हुए समारोहों के दौरान 2006 में की थी. इस पुरस्कार का मकसद पत्रकारिता में उत्कृष्टता, साहस और प्रतिबद्धता की पहचान करना और पूरे देश के पत्रकारों के असाधारण योगदान को सबके सामने लाना है.

इंडिया टुडे की पत्रकार बिपाशा मुखर्जी को स्पोर्ट्स कटेगरी में यह पुरस्कार दिया गया. उन्होंने 'गोल मिजोरम' के तहत विस्तृत रिपोर्टिंग की और खेल के क्षेत्र की प्रतिभाओं को उजागर किया. इस दौरान उन्होंने मिजोरम में खिलाड़ियों की चुनौतियों और हालात पर स्टोरी की. टेलीविजन जर्नलिस्ट बिपाशा मुखर्जी इंडिया टुडे की सीनियर प्रोड्यूसर हैं, उनको पत्रकारिता के क्षेत्र में 17 साल का अनुभव है.

वहीं, मनोज्ञा लोइवाल को अनुवांशिक बीमारी के शिकार बच्चों से संबंधित रिपोर्टिंग करने के लिए इस पुरस्कार से नवाजा गया है. मनोज्ञा ने यंग माइंड्स ओल्ड बॉडी नाम से अभियान चलाया और रांची के दो ऐसे बच्चों की रिपोर्टिंग की, जो बचपन में ही बूढ़े दिखने लगे. 

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उन्होंने बचपन में बुढ्ढे दिखने वाले बच्चों व उनके परिजनों तक पहुंचकर जानकारी जुटाई. इस दौरान उन्होंने ऐसे बच्चों की बीमारियों और उनकी समस्याओं को प्रमुखता से उजागर किया. मनोज्ञा इंडिया टुडे ग्रुप में ईस्टर्न एंड नॉर्थ-ईस्टर्न इंडिया की डिप्टी एडिटर के तौर पर कार्यरत हैं. बांग्लादेश से जुड़े मामलों की रिपोर्टिंग करने की जिम्मेदारी भी उन्हीं पर है.

इसके अतिरिक्त मौमिता सेन को जम्मू एवं कश्मीर और पूर्वोत्तर भारत में रिपोर्टिंग के लिए इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से नवाजा गया है. सेन ने इंडिया टुडे की फीचर जर्नलिस्ट हैं. उन्होंने इंडिया टुडे के सप्ताहिक शो के लिए 'द लॉन्ग स्टोर' और 'पर्सन ऑफ इंटरेस्ट' न्यूज डॉक्यूमेंट्री तैयार की.

अभिव्यक्ति पूर्ण नहीं, लेकिन इसे दबाया नहीं जाएः नायडू

बुधवार को पुरस्कार वितरण समारोह के दौरान उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि वाक् और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पूर्ण नहीं हो सकती, लेकिन इसे दबाया भी नहीं जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि जब राष्ट्र की संप्रभुता जैसे खास पहलुओं की बात आती है तो नियम होंगे, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि अधिकारों का गला घोटा जाए.

उन्होंने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का दमन नहीं किया जाना चाहिए. इसके लिए एक स्तर तक नियम होना चाहिए, लेकिन नियम गला घोटने में तब्दील नहीं होना चाहिए.

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