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मालदा हिंसा: BJP और ममता सरकार में बढ़ा टकराव, सभी नेताओं को पुलिस ने कोलकाता वापस भेजा

पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के कालियाचक में हुई हिंसा के बाद बीजेपी और ममता सरकार में टकराव बढ़ गया है. सोमवार सुबह-सुबह मालदा रेलवे स्टेशन पर तीन बीजेपी नेताओं को हिरासत में ले लिया गया. इससे सियासत और गरमा सकती है.

बीजेपी सांसद एसएस अहलूवालिया समेत तीन नेताओं की टीम गई थी जांच के लिए बीजेपी सांसद एसएस अहलूवालिया समेत तीन नेताओं की टीम गई थी जांच के लिए
विकास वशिष्ठ
  • मालदा,
  • 11 जनवरी 2016,
  • अपडेटेड 12:23 PM IST

पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में कालियाचक इलाके में हुई हिंसा का मामला सोमवार सुबह-सुबह फिर तूल पकड़ गया. मालदा रेलवे स्टेशन पर तीन बीजेपी नेताओं को हिरासत में ले लिया गया. इनमें दार्जिलिंग से पार्टी सांसद एसएस अहलूवालिया, रिटायर्ड डीजीपी विष्णु दयाल राम और बीजेपी नेता भूपेंद्र यादव शामिल हैं.इसके बाद पुलिस ने उन्हें वापस कोलकाता भेज दिया.

पुलिस ने कहा- लौट जाइए
मालदा जिला पुलिस ने इन्हें रेलवे स्टेशन से ही लौट जाने को कहा और कालियाचक जाने से रोक दिया. बीजेपी की इस टीम को मालदा स्टेशन से बाहर भी नहीं निकलने दिया गया. कहा गया कि बाहर आने या कलियाचक जाने से कानून-व्यवस्था बिगड़ सकती है. यह बीजेपी की फैक्ट फाइंडिंग टीम है, जो कालियाचक घटना का जायजा लेने पहुंची थी.

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BJP विधायक को भी रोक दिया गया था
इससे पहले 6 जनवरी को बीजेपी विधायक शमिक भट्टाचार्य और उनके 10 समर्थकों को भी पुलिस ने मालदा में ही हिरासत में ले लिया था. ये सभी कालियाचक की ओर जा रहे थे. अब बीजेपी की इस तीन सदस्यीय टीम के साथ स्थानीय बीजेपी नेता जॉय बनर्जी और कृशानु मित्रा भी मौजूद थे. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने यह टीम बनाई थी.

पूर्णिया में भी भड़क गई थी हिंसा
बीते दिनों कालियाचक में एक जुलूस के दौरान गुस्साई भीड़ ने पुलिस थाना, जीप और बस फूंक दी थी. देखते ही देखते हिंसा बिहार के पूर्णिया तक फैल गई. कालियाचक में हिंसा के बाद से ही तनाव है. अतिरिक्त बल तैनात किया गया है. बीजेपी इसे सांप्रदायिक हिंसा बताती रही है. जबकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का कहना है कि यह सांप्रदायिक हिंसा नहीं थी, इसे सांप्रदायिक रंग दिया जा रहा है.

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क्या है मामला
पूरा मामला हिंदू महासभा के नेता कमलेश तिवारी के बयान से जुड़ा है. इसके विरोध के दौरान ही हिंसा भड़की. एक समुदाय के लोग तिवारी के उस बयान के विरोध में सड़क पर उतरे थे, जिसमें कथित रूप से उन्होंने पैगंबर के लिए अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया है. पूर्णिया में भी तिवारी के बयान के विरोध के दौरान ही हिंसा भड़की. तिवारी फिलहाल पुलिस हिरासत में हैं.

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