Advertisement

इन पांच वजहों से चमकी पलानीसामी की किस्मत, बनने जा रहे तमिलनाडु के सीएम

तमिलनाडु में पिछले काफी समय से जारी सियासी दंगल अब खात्मे की ओर है. राज्यपाल विद्यासागर राव ने शशिकला गुट के पलानीसामी को सरकार बनाने का न्यौता दे दिया है. बताया जा रहा है कि वे शाम 4.30 बजे तक पद और गोपनीयता की शपथ ले सकते हैं.

ई. पलानीसामी होंगे तमिलनाडु के सीएम ई. पलानीसामी होंगे तमिलनाडु के सीएम
संदीप कुमार सिंह
  • ,
  • 16 फरवरी 2017,
  • अपडेटेड 2:44 PM IST

तमिलनाडु में पिछले काफी समय से जारी सियासी दंगल अब खात्मे की ओर है. राज्यपाल विद्यासागर राव ने शशिकला गुट के पलानीसामी को सरकार बनाने का न्यौता दे दिया है. बताया जा रहा है कि वे शाम 4.30 बजे तक पद और गोपनीयता की शपथ ले सकते हैं. राज्यपाल ने सदन में पलानीसामी को अपना बहुमत साबित करने के लिए 15 दिनों का मौका दिया है.

Advertisement

आपको बता दें कि आय से अधिक संपत्ति के मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा शशिकला को सजा सुनाए जाने के बाद उनके खेमे ने पलानीसामी को विधायक दल का नेता चुना था. पलानीसामी बुधवार को रात आठ बजे के करीब और गुरुवार सुबह राज्यपाल से मिलने राजभवन पहुंचे थे. पलानीसामी ने अपने समर्थन में 124 विधायकों की लिस्ट राज्यपाल को सौंपी थी. जिसके बाद राज्यपाल ने उन्हें सरकार बनाने का न्यौता दिया. इस बात की तस्दीक उनकी पार्टी एआईएडीएमके ने की. इस मौके पर हम आपको बताते हैं पलानीसामी की ताजपोशी की 5 बड़ी वजहें...

1- राज्यपाल का रुख
पलानीसामी की ताजपोशी में सबसे बड़ा पहलू रहा राज्यपाल का रुख. जिन दिनों शशिकला सीएम का पद हथियाने की तैयारी में थी राज्यपाल विचार करते रहे. इस वजह से राज्यपाल पर एआईएडीएमके और सुब्रमण्यम स्वामी ने तमाम आरोप भी लगाए. लेकिन, राज्यपाल का वह रुख पलानीसामी के लिए वरदान साबित हुआ. राज्यपाल अगर उस वक्त शशिकला के हक में अपना फैसला सुना देते तो आज तस्वीर कुछ और होती.

Advertisement

2- शशिकला की जेल
राज्यपाल के रुख के बाद पलानीसामी की ताजपोशी में दूसरा सबसे बड़ा कारक रहा आय से अधिक संपत्ति मामले में शशिकला को हुई चार साल की जेल. शशिकला अब जेल से निकलने के बाद भी अगले 6 साल तक चुनाव नहीं लड़ सकतीं. ऐसे में एआईएडीएमके की सत्ता पलानीसामी के हाथों में आ गई.

3- पलानीसामी की वफादारी
जब जयललिता को दिल का दौरा पड़ा था और वह अस्पताल में भर्ती हुई थी. तब उनके उत्तराधिकारियों के नाम में ई. पालानीसामी का नाम भी आया था. वह काफी लंबे समय से पार्टी का हिस्सा रहे हैं और जयललिता के भरोसेमंद लोगों में से एक थे. पलानीसामी को उनकी इसी वफादारी का तोहफा अब सीएम की कुर्सी के तौर पर मिल रहा है.

4- पन्नीरसेलवम की बगावत
शशिकला के कहने पर पन्नीरसेलवम ने मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया लेकिन बाद में उन्होंने बगावती रुख अख्तियार कर लिया. पन्नीरसेलवम के बदले रुख के बाद शशिकला ने उन पर डीएमके के साथ मिलकर राजनीति करने का आरोप भी लगाया. अगर पन्नीरसेलवम बगावत न करते और शशिकला को सत्ता दे देते तो सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद इस संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता था कि राज्य की सत्ता एक बार फिर उनके हाथों में जाती. लेकिन उनके बगावती तेवर ने पलानीसामी के रूप में तमिलनाडु को नया मुख्यमंत्री दे दिया.

Advertisement

5- लो प्रोफाइल नेता
पलानीसामी पिछले काफी समय से एआईएडीएमके में हैं. ई. पालानीसामी सलेम जिले के ईडापड़ी विधानसभा से विधायक हैं. ई. पालानीसामी चार बार विधायक रह चुके हैं, वह 1989, 1991, 2011 और 2016 में विधायक चुने जा चुके हैं. इसके अलावा पालानीसामी 1998 से 99 तक सांसद भी रह चुके हैं. पूर्व में पालानीसामी तमिलनाडु सीमेंट कॉर्पोरेशन के चेयरमैन रह चुके हैं. वहीं वह सलेम डेयरी के भी अध्यक्ष रह चुके हैं.

तमाम पदों पर रहते हुए भी पलानीसामी की छवि लो प्रोफाइल नेताओं जैसी ही रही. राजनीतिक संकट के ऐसे दौरों में अक्सर पार्टी का शीर्ष नेतृत्व अपने वफादार और लो प्रोफाइल (अपेक्षाकृत कम महत्वाकांक्षी) नेताओं को ही तरजीह देता है. पलानीसामी इसी वजह से शशिकला को सबसे मुफीद नजर आए.

ये है तमिलनाडु विधानसभा का गणित
2016 में 15वीं विधानसभा के लिए हुए चुनावों में AIADMK के 134 विधायक हैं जबकि धुर विरोधी डीएमके के कुल 89 विधायक. इसके अलावा कांग्रेस के 8 और IUML के एक विधायक ने चुनावों में जीत हासिल की थी. आपको बता दें कि 235 सीटों वाली तमिलनाडु विधानसभा में 234 सीटों पर चुनाव होते हैं जबकि एक सीट एंग्लो-इंडियन समुदाय के लिए आरक्षित होती है, जो मनोनीत किए जाते हैं.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement