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आधार नहीं दिखाने पर इलाज नहीं मिलने से शहीद की पत्नी ने दम तोड़ा

कारगिल युद्ध में शहीद हुए जवान की पत्नी को हरियाणा के सोनीपत के एक अस्पताल में इलाज के लिए लाया गया था. बेटे पवन के अनुसार उनकी मां की हालात काफी खराब थी.

मृतक महिला का बेटा पवन मृतक महिला का बेटा पवन
अंकुर कुमार
  • सोनीपत,
  • 30 दिसंबर 2017,
  • अपडेटेड 7:04 AM IST

आधार कार्ड नहीं होने की वजह से झारखंड में भूख से 11 साल की लड़की की मौत का मामला अभी शांत नहीं हुआ है कि आधार कार्ड से जुड़ा एक और विवाद सामने आया है. आधार कार्ड नहीं दिखाने की वजह से एक शहीद जवान की विधवा को इलाज नहीं मुहैया हो पाया और उनकी मौत हो गई. मृतक महिला के बेटे का आरोप है कि हरियाणा के सोनीपत के एक अस्पताल ने आधार कार्ड नहीं होने की वजह से इलाज के लिए मना कर दिया.

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कारगिल युद्ध में शहीद हुए जवान की पत्नी को हरियाणा के सोनीपत के एक अस्पताल में इलाज के लिए लाया गया था. बेटे पवन के अनुसार उनकी मां की हालात काफी खराब थी. उन्हें जब अस्पताला लाया गया तो प्रशासन ने उनसे आधार कार्ड मांगा. हालांकि उनके पास आधार कार्ड नहीं था तो उन्होंने उसकी कॉपी फोन में दिखाई.

पवन का आरोप है कि उन्होंने प्रशासन से कहा कि इलाज शुरू करने और वह कुछ देर में आधार लाकर जमा करवा देंगे.  पवन का आरोप है कि अस्पताल ने इसके बाद इलाज करने से मना कर दिया. इस वजह से इलाज में देरी हुई और उनकी मां की मौत हो गई.

वहीं अस्पताल प्रशासन ने जारी बयान में कहा कि उन्होंने कभी भी इलाज से मना नहीं किया. प्रशासन के अनुसार मरीज महिला को कभी अस्पताल नहीं लाया गया. डॉक्टर ने कहा कि हमने कभी भी कोई इलाज आधार के लिए नहीं रोका है. आधार जरूरी है, लेकिन इलाज के लिए नहीं डॉक्यूमेंटेशन के लिए.

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