
छत्तीसगढ़ में सरकारी शिविर में नसबंदी को लेकर बवाल मचा है. पीड़ित व्यक्ति सरकारी सिस्टम और डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं. दरअसल, कोटा ब्लॉक के करगी रोड स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पुरुष नसबंदी शिविर में 14 व्यक्तियों के ऑपरेशन किए गए थे. इनमें से चार पुरुषों की तबीयत अचानक बिगड़ गई.
प्रशासन ने जारी किया कारण बताओ नोटिस
बताया जा रहा है कि नसबंदी के बाद चार व्यक्तियों की हालत बिगड़ती चली गई. इंफेक्शन इतना फैला कि चारों का ब्लड प्रेशर तेजी से गिरने लगा. उन्हें 108 एम्बुलेंस से बिलासपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. पीड़ितों के परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. इस घटना के बाद कोंटा के बीएमओ को प्रशासन ने कारण बताओं नोटिस जारी किया है. उधर इस घटना के बाद शेष 10 व्यक्तियों के स्वास्थ्य पर नजर रखी जा रही है.
इससे पहले बिलासपुर में 2014 में सरकारी नसबंदी शिविर में 17 महिलाओं की मौत और कई महिलाओं के बुरी तरह से बीमार होने की घटना सामने आई थी. हालांकि मृतक महिलाओं के परिजनों को सरकार ने मुआवजा देकर और कुछ डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई कर मामले को जैसे-तैसे निपटाया था. तीन साल बाद एक बार फिर इसी जिले में नसबंदी ऑपरेशन को लेकर स्वास्थ्य विभाग का अमला सुर्खियों में है. लेकिन इस बार नसबंदी का खामियाजा पुरुषों को भुगतना पड़ रहा है.