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एसिड अटैक की शिकार महिला की याचिका पर केंद्र और AIIMS को नोटिस

एसिड अटैक की शिकार एक महिला की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार और एम्स को नोटिस जारी किया है. 

फाइल फोटो फाइल फोटो
दीपक कुमार/पूनम शर्मा
  • नई दिल्‍ली,
  • 06 जुलाई 2018,
  • अपडेटेड 8:04 PM IST

एसिड अटैक की शिकार एक महिला की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार और एम्स को नोटिस जारी किया है. दरअसल, पीडि़त महिला यास्मीन मंसूरी पेशे से नर्स है. उन्होंने एम्स के नोटिफिकेशन को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है. इस नोटिफिकेशन में नर्स के स्टाफ को भर्ती करने के लिए पर्सन विद डिसेबिलिटी (पीडब्ल्यूडी) कोटा नहीं दिया गया है. 

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वहीं 2016 में डिसेबिलिटी एक्ट में संशोधन के दौरान एसिड अटैक विक्टिम को भी पीडब्ल्यूडी कोटा में जगह दी गई थी. एक्ट में यह संशेधन मिनिस्ट्री ऑफ सोशल जस्टिस एंड एम्पावरमेंट की तरफ से किया गया था. लेकिन इस संशोधन के बाद एम्स में नर्सों की भर्ती प्रक्रिया के लिए निकाली गई वेकैंसी में एसिड अटैक की शिकार को कोटा मिलना चाहिए था ,जो नहीं दिया गया.

कोर्ट ने यास्मीन मंसूरी को जनरल कैटेगरी में नर्स की भर्ती के लिए निकाली गई वैकेंसी में फॉर्म भरने के निर्देश दिए हैं. कोर्ट ने कहा है कि अगर इस याचिका की सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला उसके हक में जाता है तो फिर उसे विकलांग कैटेगरी में मिलने वाले कोटे के तहत ही नौकरी दी जाएगी. कोर्ट इस मामले की अगली सुनवाई अब 13 सितंबर को करेगा.

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याचिका लगाने वाली यास्मीन मंसूरी क्वालिफाइड नर्स तो हैं ही साथ ही नेशनल अवार्ड विनर भी हैं. इससे पहले भी कई ऐसे मामले सामने आए हैं जब केंद्र सरकार के नोटिफिकेशन के बाद भी सरकारी विभागों में वैकेंसी निकलने के दौरान नियमों का पालन नहीं किया गया है.

लेकिन अब जब यह मामला कोर्ट तक आ पहुंचा है तो यास्मीन जैसे लोगों को उम्मीद बंधी है कि शायद उन्हें रोजगार में वह कोटा मिल सके जो एसिड विक्टिम को देने के लिए ख़ुद केंद्र सरकार ने एक्ट में संशोधन करके दिया था.

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