Advertisement

चक्रवात अलर्ट पर आरोप-प्रत्यारोप शुरु, अल्फोंस ने पलटी मारी

वैसे तो केंद्रीय पर्यटन मंत्री ने पहले केरल की इस दलील का समर्थन किया था कि उसे चक्रवात के बारे में पूर्व चेतावनी नहीं मिली थी लेकिन कुछ ही घंटों में उन्होंने अपना रुख बदल लिया और कहा कि केंद्रीय एजेंसियों ने पहले ही चक्रवात अलर्ट जारी किए थे.

चक्रवात अलर्ट पर आरोप-प्रत्यारोप शुरु, अल्फोंस ने पलटी मारी चक्रवात अलर्ट पर आरोप-प्रत्यारोप शुरु, अल्फोंस ने पलटी मारी
रोहित
  • तिरुवनन्तपुरम,
  • 04 दिसंबर 2017,
  • अपडेटेड 2:53 AM IST

चक्रवात ओखी पर आज आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरु हो गया, जहां केरल सरकार ने इस बात पर जोर दिया कि उसे 30 नवंबर के दिन भारतीय मौसम विभाग का अलर्ट मिला था. वहीं केंद्रीय मंत्री अल्फोंस कन्ननथनम ने कहा कि दो दिन पहले ही अलर्ट जारी कर दिया गया था.

वैसे तो केंद्रीय पर्यटन मंत्री ने पहले केरल की इस दलील का समर्थन किया था कि उसे चक्रवात के बारे में पूर्व चेतावनी नहीं मिली थी लेकिन कुछ ही घंटों में उन्होंने अपना रुख बदल लिया और कहा कि केंद्रीय एजेंसियों ने पहले ही चक्रवात अलर्ट जारी किए थे.

Advertisement

मुख्यमंत्री पी विजयन के कार्यालय से जारी बयान के अनुसार यहां राज्य सचिवालय में बुलायी गयी उच्च स्तरीय बैठक में मुख्य सचिव के एम अब्राहम ने कहा कि राज्य सरकार को 30 नवंबर की सुबह में (समुद्र में) गहरे दबाव की संभावना की चेतावनी मिली थी लेकिन चक्रवात का कोई अनुमान नहीं था.

उन्होंने कहा कि 30 नवंबर को दोपहर तक केरल को चक्रवात का अलर्ट मिला और कुछ ही देर में सभी संभव राहत कदम उठाए गए. मुख्य सचिव ने कहा कि चक्रवात के कारण उग्र हो चुके समुद्र में फंस गये ज्यादातर मछुआरे वे थे जो 28 और 29 नवंबर को ही मछली पकड़ने गए थे.

इस बैठक में मुख्यमंत्री के साथ ही शिरकत करने वाले कन्ननथनम ने पहले मुख्य सचिव का समर्थन करते हुए कहा था कि भारतीय मौसम विभाग के पहले अलर्ट में संभावित दबाव का संकेत भर था.

Advertisement

मुख्यमंत्री कार्यालय के बयान में केंद्रीय मंत्री के हवाले से कहा गया था कि अलर्ट में किसी आपात स्थिति का उल्लेख या मछुआरों को समुद्र में जाने से रोकने की कोई चेतावनी नहीं थी. उसमें बस इतना कहा गया था कि मछुआरों से कहा जाए कि वे समुद्र में न जाएं. कन्ननथनम ने बैठक के बाद ब्रीफिंग में इस बयान को दोहराया भी. लेकिन कुछ ही घंटे बाद उन्होंने कहा कि केंद्रीय एजेंसियों ने 28 नवंबर और 29 नवंबर को जरुरी अलर्ट जारी कर दिए थे. अलर्ट में स्पष्ट रुप से कहा गया था कि मछली पकड़ने वाली नौकाओं को समुद्र में नहीं जाने दिया जाए और इस संबंध में जरुरी कदम उठाना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है.

पहले बैठक में कन्ननथनम ने आज कहा कि चक्रवात ओखी को राष्ट्रीय आपदा घोषित नहीं किया जा सकता है क्योंकि ऐसी कोई योजना नहीं है, लेकिन उन्होंने स्थिति से निबटने के लिए सभी सहायता का आश्वासन दिया.

चक्रवात ने केरल, तमिलनाडु और लक्षद्वीप में भयंकर तबाही मचायी है और सैकड़ों मछुआरे समुद्र में फंस गए. कन्ननथनम ने कहा कि नौसेना, वायुसेना और तटरक्षक बल द्वारा संचालित संयुक्त तलाश अभियान जारी रहेगा और मछुआरों को बचाने के लिए और जहाज, उड़ाने और हेलीकॉप्टर लगाये जाएंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि तलाश अभिया के बाद एक ही दिन में 400 से अधिक मछुआरे बचाए गए हैं. तलाश में स्थानीय लोगों की मदद ली जाएगी.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement