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मॉब लिंचिंग के विरोध पर बोले शाह- फैशन है क्या? कांग्रेस शासन में ज्यादा घटनाएं हुईं

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि हमारे तीन साल में जितनी लिंचिंग की घटनाएं हुई हैं, उससे ज्यादा एक-एक साल में हुई है. मगर ये सवाल कभी नहीं उठा था.

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह
नंदलाल शर्मा
  • पणजी ,
  • 02 जुलाई 2017,
  • अपडेटेड 1:35 PM IST

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने शनिवार को कथित गोरक्षकों और भीड़ द्वारा की जा रही हत्याओं के सवाल पर नरेंद्र मोदी सरकार का बचाव किया. शाह ने कहा कि 2011 से 2013 के दौरान भीड़ द्वारा हत्या करने की सबसे ज्यादा घटनाएं हुई, जब केंद्र में कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए की सरकार थी.

कांग्रेस के शासन में ज्यादा मॉब लिंचिंग

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एक सवाल के जवाब में शाह ने कहा कि 'हाल में हुई घटनाओं की तुलना नहीं करना चाहता और न ही इनको कम करके आंकता हूं. मैं इस मामले में गंभीर हूं लेकिन 2011, 2012 और 2013 में भीड़ द्वारा हत्या करने के सबसे ज्यादा मामले हुए.' शाह ने कहा कि हमारे तीन साल में जितनी लिंचिंग की घटनाएं हुई हैं, उससे ज्यादा एक-एक साल में हुई है. मगर ये सवाल कभी नहीं उठा था.

देश भर में लगातार बढ़ता भय और इसे रोकने के लिए अपराधियों के खिलाफ सरकार द्वारा प्रभावी कदम न उठाने के सवाल पर शाह ने सवाल करते हुए कहा कि क्या आप कोई ऐसी घटना के बारे में जानते हैं, जिसमें गिरफ्तारी न हुई हो? डर को लेकर मेरे पास कोई जवाब नहीं है. देश में कहीं भी किसी तरह का भय नहीं है.

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धरना देने का फैशन

बीजेपी अध्यक्ष का इशारा था कि ये सब मामला राज्य की कानून व्यवस्था से जुड़ा है. गोवा के दो दिन के दौरे पर आए शाह ने कहा, 'और अब (मोदी सरकार के आने के बाद) सवाल किस तरह से उठाए जाते हैं? मोहम्मद अखलाक की मौत हो गई. उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार है. कानून-व्यवस्था राज्य का मामला है. जिम्मेदारी समाजवादी पार्टी सरकार की है. और धरना दिल्ली में मोदी सरकार के सामने देंगे. क्या फैशन है?'

शाह ने दिया सवाल पूछने का पूरा मौका

शाह ने शनिवार की सुबह बीजेपी नेताओं और सहयोगियों से मुलाकात की. शाम को राजधानी पणजी के होटल में उन्होंने अलग-अलग सेक्टर के प्रोफेशनल्स, खास अतिथियों से मुलाकात की. शाह ने इस मुलाकात में लोगों को सवाल पूछने का पूरा मौका दिया. इन सवालों में रियल स्टेट रेगुलेशन से लेकर शिक्षा व्यवस्था तक के सवाल शामिल थे. साथ ही दार्जिलिंग में जारी हिंसा और अलग गोरखालैंड की मांग और नदियों के राष्ट्रीयकरण से भी जुड़े सवाल थे.

गोवा में बीफ बैन पर मुस्कुराए शाह

खासतौर पर गोवा में बीफ बैन के सवाल पर जब एक स्थानीय ने कहा कि यह बीफ बैन गोवा में नहीं चलेगा. शाह ने मुस्कुराते हुए कहा कि अच्छा है कि तुमने ये मुद्दा उठाया. मीडिया के लिए इसमें रस है. गोवा में बीफ पर प्रतिबंध 1976 में कांग्रेस की सरकार ने लगाया है. बीजेपी ने गोवा में कभी बीफ पर प्रतिबंध नहीं लगाया. लेकिन किसी ने यह सवाल कांग्रेस से नहीं पूछा.

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अल्पसंख्यकों के बीच पैदा किया जा रहा डर

शाह ने कहा, 'गुजरात, राजस्थान और मध्य प्रदेश में अल्पसंख्यकों की संख्या गोवा की कुल आबादी से भी ज्यादा है. इन राज्यों में पिछले 15 सालों से हमारी सरकार है और अल्पसंख्यकों को किसी तरह की कोई समस्या नहीं हुई. सच ये है कि पार्टी और अल्पसंख्यकों के बीच एक तरह का डर पैदा किया जा रहा है.'

जल्द ही हल होगा कश्मीर संकट

कश्मीर संकट के बारे में पूछे जाने पर बीजेपी प्रेसिडेंट ने कहा कि मीडिया को लगता है कि कश्मीर भारत के हाथ से निकल रहा है, लेकिन जमीनी हकीकत इससे कोसों दूर है. कश्मीर में शांति बहाली और स्थिति नियंत्रण को चार पांच महीनों के आधार पर नहीं आंका जा सकता.

उन्होंने कहा कि 1989 से कश्मीर उथल पुथल से भरा रहा है. कानून व्यवस्था की समस्या लगातार बनी रही है. मीडिया को लगता है कि कश्मीर हाथ से गया.. लेकिन हाथ से नहीं गया और न जाएगा. हमारे सुरक्षा बल जल्दी ही स्थिति पर नियंत्रण पा लेंगे और फिर कोई उन पर हमला करने की जुर्रत नहीं करेगा.

भाषा की लड़ाई भारत सरकार नहीं सुलझा सकती

गोरखालैंड के मुद्दे पर शाह ने कहा, 'एक भाषा को स्वीकार करने को लेकर चल रही लड़ाई के लिए मैं किसी सरकार को जिम्मेदार नहीं ठहरा रहा. भाषा की राजनीति को भारत सरकार नहीं सुलझा सकती. इस मसले को अब तीन लोगों को मिलकर हल करना पड़ेगा- गोरखा, ममता बनर्जी (पश्चिम बंगाल सरकार) और भारत सरकार.'

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