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अमित शाह बोले- राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है मालदा का मुद्दा, ममता सरकार पर साधा निशाना

बीजेपी अध्यक्ष ने कहा, 'मालदा राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा है. पार्टी की विचारधारा से कोई समझौता न किया जाए. ममता की माइनॉरिटी और वोट बैंक पॉलिटिक्स को उजागर किया जाए.

अमित शाह और ममता बनर्जी अमित शाह और ममता बनर्जी
रोहित गुप्ता/रीमा पाराशर/मनोज्ञा लोइवाल
  • नई दिल्ली/कोलकाता,
  • 12 जनवरी 2016,
  • अपडेटेड 5:19 PM IST

मालदा हिंसा पर राजनीति जारी है. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पार्टी प्रवक्ताओं के साथ मीटिंग में कहा कि मालदा का मसला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा है. इस बीच मालदा में अफीम के खेतों और कुछ खास जगहों पर छापेमारी भी हुई है.

ममता की वोट बैंक पॉलिटिक्स को उजागर करें: शाह
अमित शाह ने मालदा और कुछ दूसरे मुद्दों पर चर्चा करने के लिए दिल्ली में पार्टी प्रवक्ताओं की बैठक बुलाई थी, जिसमें श्रीकांत शर्मा, कैलाश विजयवर्गीय, सिद्धार्थ नाथ सिंह, संबित पात्रा और जीवीएल नरसिम्हा राव मौजूद थे. इसी बैठक में बीजेपी अध्यक्ष ने कहा, 'मालदा राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा है. पार्टी की विचारधारा से कोई समझौता न किया जाए. ममता की माइनॉरिटी और वोट बैंक पॉलिटिक्स को उजागर किया जाए.

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पुलिस और एक्साइज डिपार्टमेंट ने की छापेमारी
इससे पहले मंगलवार को नारकोटिक्स और एक्साइज डिपार्टमेंट ने पुलिस के साथ मिलकर अफीम के खेतों समेत अहम ठिकानों पर छापेमारी की. 3 जनवरी को हुई हिंसा के बाद से अभी तक 10 लोगों की ही गिरफ्तारी हुई है. पुलिस उन लोगों को तलाश रही है, जिन्हें अलग-अलग वीडियो की फुटेज में देखा गया था.

मालदा हिंसा धार्मिक दंगा नहीं: ममता
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को कहा कि मालदा जिले में हुई हिंसा कोई धार्मिक दंगा नहीं था, बल्कि स्थानीय निवासियों और बीएसएफ कर्मियों के बीच हुई झड़प का नतीजा था. मुख्यमंत्री ने कहा था कि घटना के बारे में तथ्यों को तोड़-मरोड़कर गलत सूचनाएं फैलाई जा रही है. यह बीएसएफ और स्थानीय निवासियों के बीच की घटना है और राज्य सरकार इसमें कहीं भी शामिल नहीं है.

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मालदा में नियोजित कार्रवाई हुई: बीजेपी
जबकि बीजेपी ने ममता के दावे को खारिज करते हुए मुख्यमंत्री पर ही गलत सूचना फैलाने का आरोप लगाया है. बीजेपी का दावा है कि मालदा में हुई हिंसा सांप्रदायिक हिसा नहीं, बल्कि नियोजित कार्रवाई थी. बीजेपी के तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को जिला प्रशासन ने हिंसा प्रभावित मालदा के कालियाचक का दौरा करने से रोक दिया था. मालदा में हुई हिंसा में भीड़ ने एक थाने में आग लगा दी थी और कई वाहनों में तोड़फोड़ की थी.

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