
आंध्र प्रदेश की सरकार मच्छरों के खिलाफ हाईटेक जंग छेड़ने की तैयारी कर रही है. इसके तहत मच्छरों की प्रजाति, उनका जेंडर तथा उनकी संख्या का पता लगाकर उन्हें खत्म करने में तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा. प्रदेश के तीन शहरों में इस तरह के प्रयोग की योजना बनाई गई है और मंजूरी तथा फंड के लिए केंद्र के पास प्रस्ताव भेजा गया है.
योजना के मुताबिक मच्छरों का खात्मा करने के लिए ऑप्टिकल सेंसर का इस्तेमाल किया जाएगा. इस सेंसर से उनकी प्रजाति, घनत्व और उनके जेंडर तक का पता लगाया जा सकता है. सरकार विजयवाड़ा, विशाखापट्टनम और तिरुपति में इस तकनीक का इस्तेमाल करना चाहती है. उसकी योजना है कि मच्छरों से होने वाली बीमारियां जैसे मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया और जीका महामारी बनें उससे पहले ही मच्छरों का खात्मा कर दिया जाए.
केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय को प्रस्ताव भेज दिया गया है. इन नगरपालिकाओं में प्रति वर्गकिलोमीटर में 10 सेंसर लगाए जाएंगे. इस पूरे काम में लगभग 4 करोड़ रुपये खर्च होने की उम्मीद है. इन शहरों में करीब 1850 सेंसर 185 वर्ग किलोमीटर के एरिया में लगाए जाएंगे. ये सभी सेंसर बिजली के खंभे पर लगे होंगे.
सेंसर ये जानकारी एक सेंट्रल डेटाबेस के पास भेजेंगे. कंट्रोल रूम मॉस्कीटो डेंसिटी हीट मैप तैयार करेगा और इससे सरकारी एजेंसियों को पता चलेगा कि कहां कितनी दवा का छिड़काव करना है. गौरतलब है कि भारत की 95% जनसंख्या मलेरिया के लिए अनुकूल इलाकों में रहती है. मलेरिया के कारण होने वाली कुल 21.4 करोड़ मौतों में से 5% मौतें भारत में होती हैं.