
सशस्त्र सेनाओं में महिलाओं की भूमिका को और बढ़ाते हुए सेना महिला अधिकारियों को साइबर वॉरफेयर से निपटने के लिए तैयार करने की योजना पर काम कर रही है. सेना के उच्च सूत्रों के मुताबिक ये महिलाएं विशेषकर चाइना एक्सपर्ट के तौर पर तैनात की जाएंगी और चीन में होने वाली हर प्रकार की गतिविधियों पर नजर रखेंगी.
'आजतक' को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक इस संदर्भ में सेना के द्वारा दिया गया एक प्रस्ताव रक्षा मंत्रालय को भेजा गया है जिसके तहत महिलाओं को अलग-अलग भाषाओं की ट्रेनिंग दी जाएगी, लेकिन चाइनीज भाषा पर खास जोर दिया जाएगा. उसके विशेषज्ञ के रूप में भी महिलाओं को तैयार किया जाएगा. यह प्रस्ताव उस समय आया है जब सुप्रीम कोर्ट में एक केस में रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि वह महिलाओं को पर्मानेंट कमीशन देने पर विचार कर रहा है और इस दिशा में उनके लिए एक अलग से कैडर भी बनाया जाएगा.
सेना के प्रस्ताव के मुताबिक साइबर और भाषा विशेषज्ञ के रूप में महिला सैन्य अधिकारियों का एक बहुत बड़ा पुल तैयार किया जाएगा. उच्च सैन्य सूत्रों की मानें तो यह पाया गया है कि महिला अधिकारी साइबर वॉरफेयर में अपने पुरुष कर्मियों से ज्यादा अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं और इन सब चीजों को देखकर भी यह फैसला लिया गया है.
साइबर वॉर सेना के लिए आने वाले दिनों में एक बहुत बड़ी चुनौती है क्योंकि आज के आधुनिक युग में कम्युनिकेशन नेटवर्क पर ही साइबर हमले किए जाते हैं. हाल के दिनों में देखा गया है कि किस प्रकार चाइनीज और पाकिस्तानी हैकर्स ने भारतीय सैन्य तंत्र में और कम्युनिकेशन सिस्टम में सेंध लगाने की कोशिश की है. इसी प्रकार भाषा जानकार के तौर पर महिलाओं की विशेषता को देखें तो देखा गया है कि चाइनीज लैंग्वेज एक्सपर्ट्स की भारत में बहुत कमी है. सेना में महिलाओं का भाषा एक्सपर्ट्स का पूल इस कमी को दूर करने में मदद करेगा.