
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुसलमीन के अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी का कहना है कि वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को टोपी पहनाने की जगह कहते कि आप उन लोगों से मिलिए और उनकी समस्याएं सुनिए जिनके साथ जुर्म हो रहा है, क्योंकि यह उनकी ड्यूटी है.
आजतक के खास कार्यक्रम 'सीधी बात' में श्वेता सिंह से बातचीत करते हुए पिछले दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के टोपी पहनने से इंकार के सवाल पर असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, 'मैं अगर वहां पर होता तो उन्हें टोपी नहीं देता, आप सीएम हैं, आप कासिम को बुलाकर गले लगा लीजिए, उस कासिम को मारा पीटा गया जो पानी के लिए भीख मांग रहा था. उत्तर प्रदेश में बच्ची के साथ मोलेस्टेशन हुआ, उसे पास बुलाकर बोलते कि मैं तुम्हारा बाप हूं, तुम्हारा भाई हूं, ये कहना चाहिए था.'
उन्होंने कहा कि टोपी कौन पहनाएगा. टोपी तो ये पहना ही रहे हैं इतने सालों से. यह आपकी ड्यूटी है और आप कोई एहसान नहीं कर रहे, आप मुख्यमंत्री हैं. वो तो कर ही नहीं पा रहे.
उत्तर प्रदेश में हाल में लिए गए मदरसे में तिरंगा फराने और राष्ट्रगान के फैसले के बाद अब कुर्ते-पाजामा पहनने पर ऐतराज जताया जा रहा है. इस पर ओवैसी ने कहा कि पहले मुख्यमंत्री सफेद कुर्ता-पाजामा पहन कर दिखाएं. ऐसा कहकर आप मिसाल बन जाइए. टोपी न सही, आप कुर्ता-पाजामा पहन लीजिए. मोदी जी जहां से कपड़ा सिलवाते हैं, वहीं से सिलवाइए और कुर्ता-पाजामा पहनिए. लेकिन आप तो ऐसा नहीं कर सकते और दूसरों को बदलने के लिए कह रहे हैं.
मदरसा को शैक्षणिक या धार्मिक संस्थान मानने के सवाल पर ओवैसी ने कहा कि सच्चर कमेटी की रिपोर्ट आई जिसमें कहा गया कि महज चार फीसदी मुसलमानों के बच्चे ही मदरसे में पढ़ रहे हैं. वो वहां इसलिए पढ़ रहे हैं क्योंकि वहां पर कोई स्कूल नहीं है. वहां स्कूल होता तो वहां पढ़ने चले जाते. साथ ही इस्लाम का बुनियादी मकसद यह है कि उसको समझना और लोगों के बीच पहुंचाना. इसके लिए हमें इमाम, काजियों, स्कॉलर की जरूरत होगी, यह सब काम मदरसे ही कर रहे हैं. आजादी की जंग में मदरसों ने अहम योगदान दिया.
ओवैसी ने मुसलमानों के खिलाफ माहौल बनाए रखने की बात करते हुए कहा कि आप स्कूल खोलिए अगर नहीं चाहते हैं कि बच्चे मदरसे में जाएं, आप स्कूल खोलना नहीं चाहते, स्कूलों में कॉलेजों में हजारों पोस्ट खाली हैं, उन्हें भरा नहीं जा रहा. बस उनका यही मकसद है कि मुसलमानों को लेकर जहर घोला जाए और जनता के बीच नफरत पैदा की जाए. साथ ही ऐसा माहौल बनाया जाए कि यह लोग तरक्की पसंद नहीं हैं और 1400 साल पुरानी तारीखों को बदलना नहीं चाहते हैं.
मदसरों में सुधार पर सवाल खड़ा किए जाने को लेकर ओवैसी ने कहा कि आप स्कूल खोलिए, अच्छे काम करिए आप को कौन रोकता है. हम चाहते हैं कि हमारे बच्चे पढ़े-लिखे. हमारी भी तरक्की हो.