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NDA सहयोगी तेलंगाना के सीएम राव को थर्ड फ्रंट पर मिला ओवैसी का साथ

राव ने तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) की संसदीय पार्टी बैठक के बाद अपने ऑफिस में कहा था कि भारतीय राजनीति में बदलाव की तुरंत जरुरत है, 7 दशकों तक सिर्फ दो राष्ट्रीय पार्टियों ने शासन किया, जो लोगों की समस्या समझने में नाकाम रही हैं.

असदुद्दीन ओवैसी (फाइल फोटो) असदुद्दीन ओवैसी (फाइल फोटो)
आशीष पांडेय
  • हैदराबाद,
  • 04 मार्च 2018,
  • अपडेटेड 10:27 PM IST

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुसल्मिन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के उस बयान का समर्थन किया है, जिसमें उन्होंने बीजेपी और कांग्रेस से इतर देश में तीसरा मोर्चा बनाने की बात कही थी.

मुख्यमंत्री राव ने 2019 में अगले आमचुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के अलावा एक तीसरा विकल्प तैयार किए जाने की बात उस समय कही जब केंद्र में सत्तारुढ़ बीजेपी पूर्वोत्तर भारत की बड़ी जीत पर जश्न मनाने में बिजी थी. राव ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार की आलोचना की थी. उन्होंने निराशा जाहिर करते हुए कहा कि पिछले 4 सालों में देश में कुछ भी नहीं बदला है.

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राव ने तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) की संसदीय पार्टी बैठक के बाद अपने ऑफिस में कहा था कि भारतीय राजनीति में बदलाव की तुरंत जरुरत है, 7 दशकों तक सिर्फ दो राष्ट्रीय पार्टियों ने शासन किया, जो लोगों की समस्या समझने में नाकाम रही हैं.

नए मोर्चा तैयार किए जाने की बात पर ओवैसी ने कहा, 'मैं तेलंगाना के मुख्यमंत्री के बयान का स्वागत करता हूं. उन्होंने बिल्कुल सही कहा कि देश के लोग बीजेपी के शासन से उकता गए हैं, जबकि कांग्रेस न तो व्यावहारिक विकल्प है और न होगी. चंद्रशेखर राव ने पिछले चार साल में तेलंगाना में अच्छा शासन दिया है.'

इससे पहले तेलंगाना के मुख्यमंत्री और तेलंगाना राष्ट्र समिति के प्रमुख 64 वर्षीय नेता चंद्रशेखर राव ने कहा था कि अब वह राष्ट्रीय राजनीति में जाना चाहते हैं. उन्होंने कहा, 'देश की राजनीति में बदलाव लाने के लिए मैं राष्ट्रीय राजनीति में उतरना चाहता हूं क्योंकि मौजूदा सिस्टम पूरी तरह नाकाम हो चुका है.'

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उन्होंने आगे कहा कि राष्ट्रीय राजनीति में गुणात्मक बदलावों की ज्यादा जरूरत है. लोग ऊब चुके हैं. लोकतंत्र की 70 साल की कड़ी मेहनत के बाद भी लोग बहुत अच्छा बदलाव नहीं देख पा रहे. यह बड़े दुर्भाग्य की बात है. अगले आम चुनाव में देश को एक बड़े बदलाव की जरुरत है.

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