
भागलपुर में दंगे भड़काने के मामले में केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने अपने बेटे अर्जित शाश्वत चौबे का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि अर्जित ने कुछ भी गलत नहीं कहा है. उन्होंने कहा कि अर्जित भागा नहीं है, भागता वो है जो गलत काम करता है और भारत माता, वंदे मातरम, जयश्रीराम के नारे लगाना अपराध नहीं है. अश्विनी चौबे ने सवाल पूछते हुए कहा कि क्या भारत माता की जय और जय श्रीराम बोलना अपराध है?
उन्होंने कहा कि आप तेजस्वी यादव से पूछें, बिहार में जो भी हो रहा है वो राजद- कांग्रेस के अपराधियों से षड़यंत्र के चलते हो रहा है और वही हिंसा भड़का रहे हैं. भागलपुर की घटना भी उसी का परिणाम है.
अश्विनी चौबे ने कहा कि FIR केवल एक कूड़े के टुकड़े की तरह है जिसे भ्रष्ट अधिकारियों ने रजिस्टर किया था. मेरे बेटे ने कई गलती नहीं की है. साथ ही अश्विनी चौबे ने कहा कि नाथनगर पुलिस का रवैया ने आग में घी डालने का काम किया और नाथनगर थाने के इंस्पेक्टर और डीएसपी पर कार्रवाई होनी चाहिए.
अश्विनी चौबे ने कहा कि शस्त्र पूजन की परंपरा है. उस दिन जब शोभा यात्रा हुई उस दिन कोई शस्त्र या हथियार नहीं था. कल (रविवार को) शस्त्र पूजा थी और सबको तलवार भेंट की गई थी. विधायकों को भी और नेताओं को भी. अर्जित को भी तलवार दी गई तो उसने तलवार उठाई उसमें कौन सी बड़ी बात थी?
उन्होंने कहा कि भागलपुर में हिंदु और मुसलमान एक रहेंगे, लेकिन कांग्रेस और राजद के गुंडे भागलपुर में उपद्रव करा रहे हैं. राज्य के मुख्यमंत्री और सरकार फेल नहीं है.
बता दें कि अर्जित शाश्वत पर आरोप है कि उन्होंने प्रशासन की इजाजत के बिना पिछले रविवार को शोभा यात्रा निकाली और भड़काऊ भाषण दिए. इसकी वजह से भागलपुर के नाथनगर में सांप्रदायिक तनाव बन गया था. हालांकि, अर्जित की तरफ से कहा गया कि उन्होंने शोभा यात्रा निकालने की जानकारी प्रशासन को दी थी, लेकिन प्रशासन उस पर मौन रहा. प्रशासन ने इजाजत भी नहीं दी और न ही मना किया.