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सुलझा बोडोलैंड विवाद, मोदी सरकार और बोडो संगठनों के बीच समझौते पर हस्ताक्षर

पूर्वोत्तर में अलगाववाद को खत्म करने की कोशिश में भारत सरकार को बड़ी कामयाबी मिली है. आज अमित शाह की मौजूदगी में कुछ संगठनों ने असम सरकार के साथ समझौता किया, जो कि लंबे समय से बोडोलैंड की मांग कर रहे थे.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (फाइल फोटो: PTI) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (फाइल फोटो: PTI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 27 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 2:51 PM IST

  • उग्रवादी समूहों और असम सरकार में समझौता
  • अमित शाह की मौजूदगी में समझौते पर हस्ताक्षर
  • बोडोलैंड की मांग कर रहे थे कई संगठन

पूर्वोत्तर में एक अलग राज्य की लंबे समय से जारी मांग थमने के आसार हैं. असम में पिछले लंबे समय से अलग बोडोलैंड की मांग करने वाले चार गुटों ने हिंसा का रास्ता छोड़ने का फैसला लिया है. सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में असम सरकार के साथ NDFB ने समझौता किया, जिसके तहत अब बोडोलैंड की मांग नहीं की जाएगी.

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नेशनल डेमोक्रेटिक फेडरेशन ऑफ बोडोलैंड (NDFB) की अगुवाई में अलग राज्य की मांग की जा रही थी, लेकिन सरकार की ओर से सख्त रुख अख्तियार करने के बाद तस्वीर पूरी तरह से बदल गई.

गृह मंत्रालय में हुए समझौते पर हस्ताक्षर (फोटो: अनिल जायसवाल)

समझौते के बाद क्या बोले अमित शाह?

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि आज भारत सरकार, असम सरकार और बोडो संगठन के चार समूहों के बीच समझौता हुआ है, ये सुनहरे भविष्य का दस्तावेज है. साल 1987 से ये आंदोलन हिंसक बना, इसमें 2823 नागरिक संघर्ष  में मारे गए है, 949 बोडो काडर के लोग और 239 सुरक्षाबल भी मारे गए हैं.

सरकार की ओर से बोडो गुटों की मांग को मानते हुए एक अलग यूनिवर्सिटी, कुछ राजनीतिक आधार, बोडो भाषा के विस्तार पर विस्तार किया जा सकता है. इस दौरान NDFB संगठन के रंजन दैमिरी, गोविंदा बासुमैत्री, धीरेन बोरे और बी. सारोगैरा समेत अन्य प्रतिनिधि मौजूद रहे.

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अलगाववादी गुटों ने किया था आत्मसमर्पण

केंद्रीय गृह मंत्रालय और बोडो संगठनों के बीच ये फैसला तब हो रहा है, जब दो दिन पहले ही सैकड़ों की संख्या में अलगाववादियों ने आत्मसमर्पण किया था. असम के आठ प्रतिबंधित संगठनों से ताल्लुक रखने वाले कुल 644 उग्रवादियों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री सबार्नंद सोनोवाल के समक्ष गुरुवार को आत्मसमर्पण कर दिया था.

इनका संबंध उल्फा (I), NDFB, आरएनएलएफ, केएलओ, सीपीआई (माओवादी), एनएसएलए, एडीएफ और एनएलएफबी से था.

गणतंत्र दिवस के दिन दहला असम

इस बड़े समझौते के एक दिन पहले असम बम धमाकों से दहल गया था. गणतंत्र दिवस के अवसर पर असम के डिब्रूगढ़, चराईदेव और तिनसुकिया में 5 धमाके हुए. हालांकि, इन धमाकों में किसी तरह के बड़े नुकसान की खबर नहीं आई. इन धमाकों की जिम्मेदारी उल्फा (I) ने ली थी, जिसके कुछ सदस्यों ने बीते दिनों आत्मसमर्पण किया था.

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बता दें कि असम में ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे से ऊपरी हिस्से पर एक अलग राज्य की मांग की जा रही थी. अलगाववादियों की ओर से भाषा, संस्कृति की मांग और अन्य अधिकारों को लेकर लंबे समय से अलग राज्य की मांग की गई थी.

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