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पीएम मोदी बोले- ब्रू-शरणार्थियों का संकट खत्म, त्रिपुरा में बसाए जाएंगे 34,000 लोग

पीएम मोदी ने कहा कि समझौते के समय मिजोरम और त्रिपुरा दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री मौजूद थे. ये समझौता दोनों राज्यों की जनता की सहमति और शुभकामनाओं से ही संभव हुआ है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फोटो-PTI) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फोटो-PTI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 26 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 11:56 PM IST

  • गणतंत्र दिवस के अवसर पर पीएम ने की 'मन की बात'
  • पिछले साल त्रिपुरा में कई लोगों ने हिस्सा का रास्ता छोड़ा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने रेडियो प्रोग्राम 'मन की बात' में गणतंत्र दिवस के अवसर पर देश को संबोधित किया. ये पहली बार था, जब प्रधानमंत्री ने शाम के वक्त मन की बात की. इस कार्यक्रम के 61वें संस्करण में पीएम मोदी ने कहा कि पिछले दिनों में जब त्योहारों की धूम थी तब दिल्ली एक ऐतिहासिक समझौते का साक्षी बन रहा था.

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उन्होंने कहा कि लगभग 25 साल पुराने ब्रू-शरणार्थियों के संकट का अंत हुआ है. समझौते के तहत अब उनके लिए गरिमापूर्ण जीवन जीने के रास्ते खुल गए हैं. 2020 का नया दशक ब्रू-शरणार्थियों समुदाय के जीवन में एक नई आशा और उम्मीद की किरण लेकर आया है. करीब 34,000 ब्रू-शरणार्थियों को त्रिपुरा में बसाया जाएगा.

जनता की सहमति से हुआ संभव

पीएम ने कहा कि ये समझौता कई वजहों से बहुत खास है. ये Cooperative Federalism की भावना को दर्शाता है. समझौते के समय मिजोरम और त्रिपुरा दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री मौजूद थे. ये समझौता दोनों राज्यों की जनता की सहमति और शुभकामनाओं से ही संभव हुआ है. पीएम ने कहा कि पिछले साल त्रिपुरा में 80 से अधिक लोग, हिंसा का रास्ता छोड़ मुख्य धारा में लौट आए हैं. इन सभी ने ये सोचकर हथियार उठा लिए थे कि हिंसा से समस्याओं का समाधान निकाला जा सकता है.

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मिलिटेंट ग्रुप के सैकड़ों लोगों ने किया सरेंडर

पीएम मोदी ने कहा कि अभी कुछ दिनों पहले असम में 8 अलग-अलग मिलिटेंट ग्रुप के सैकड़ों लोगों ने अपने हथियारों के साथ आत्म-समर्पण किया. जो पहले हिंसा के रास्ते पर चले गए थे, उन्होंने अपना विश्वास, शांति में जताया और देश के विकास में भागीदार बनने का निर्णय लिया है. पीएम ने कहा 'हम 21वीं सदी में हैं, जो ज्ञान-विज्ञान और लोकतंत्र का युग है. क्या आपने किसी ऐसी जगह के बारे में सुना है जहां हिंसा से जीवन बेहतर हुआ हो? हिंसा, किसी समस्या का समाधान नहीं करती.'

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