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हेडली बोला- दो बार की थी शि‍वसेना भवन की रेकी, बाल ठाकरे की हत्या करना चाहता था लश्कर

हेडल ने कहा, 'मुझे इस बारे में सूत्रों से जानकारी मिली थी. हां, लेकिन यह सही है‍ कि लश्कर ने बाल ठाकरे की हत्या की कोशि‍श की थी. यह कोशि‍श असफल रही, क्योंकि पुलिस ने वारदात को अंजाम देने जा रहे आतंकी को गिरफ्तार कर लिया था.'

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जिरह के दौरान डेविड हेडली वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जिरह के दौरान डेविड हेडली
स्‍वपनल सोनल
  • मुंबई ,
  • 24 मार्च 2016,
  • अपडेटेड 10:21 PM IST

मुंबई हमला मामले में पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकी डेविड कोलमैन हेडली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जिरह गुरुवार को शुरू हो गई है. क्रॉस एग्जामिनेशन में आतंकी ने खुलासा किया है कि लश्कर-ए-तैयबा ने शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे की हत्या की कोशि‍श की थी. हालांकि, उसने यह भी कहा कि लश्कर का यह प्रयास सफल नहीं रहा था और पुलिस ने आतंकी को गिरफ्तार कर लिया था.'

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आतंकी मामले में वादा माफ गवाह बने 55 वर्षीय हेडली ने यह बात अबु जुंदाल के वकील अब्दुल वहाब खान के साथ जिरह के दौरान दूसरे दिन अमेरिकी से वीडियो लिंक के माध्यम से कही. जुदांल 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमले का कथित मुख्य साजिशकर्ता है. हेडली ने अदालत को यह भी बताया कि उसने शिवसेना भवन का दो बार मुआयना किया था, लेकिन वह वहां जाने का वर्ष नहीं बता सका.

उसने कहा, 'हम शिवसेना प्रमुख को निशाना बनाना चाहते थे.. उनका नाम बाल ठाकरे था. जब कभी मौका मिलता लश्कर उन्हें मारना चाहती थी. मैं जानता था कि बाल ठाकरे शिवसेना के अध्यक्ष थे. मेरे पास प्रत्यक्ष सूचना नहीं है लेकिन मेरे ख्याल से लश्कर ने बाल ठाकरे को मारने की कोशिश की थी.'

नहीं जानता कोशि‍श कैसे की गई
हेडली ने आगे कहा, 'मैं नहीं जानता कि यह कोशिश कैसे की गई. मेरे ख्याल से उस व्यक्ति को, जिसे ठाकरे को मारने के लिए भेजा गया था गिरफ्तार कर लिया गया था. लेकिन वह पुलिस हिरासत से फरार होने में सफल रहा. बहरहाल, मुझे इस बारे में प्रत्यक्ष जानकारी नहीं है.'

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हेडली ने कहा कि उसने अमेरिकी पासपोर्ट अधिकारियों को कोई गलत जानकारी नहीं दी. उसने कहा, 'मैंने अपना नाम बदलने के लिए अधि‍कारियों को कोई गलत जानकारी नहीं दी थी.'

पत्नी से जुड़े सवाल पर किया इनकार
मुंबई के एक कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बुधवार को भी हेडली से क्रॉस एग्जामिनेशन किया गया था. स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर उज्ज्वल निकम ने बताया कि यह जिरह चार दिन चलेगी. इस दौरान हमले के मुख्य साजिशकर्ता अबु जुंदाल के वकील अब्दुल वहाब खान हेडली से सवाल करेंगे. बुधवार को कोर्ट में हेडली ने अपनी पत्नी शाजिया गिलानी से जुड़े सवाल का जवाब देने से इनकार कर दिया.

लश्कर को दिए थे 60-70 लाख रुपये
हेडली ने पूछताछ के दौरान बताया कि उसने कभी भी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तोएबा से पैसे नहीं लिए, बल्कि उसने खुद 60 से 70 लाख रुपये लश्कर की विभिन्न गतिविधियों में दिए थे. उसने बताया कि साल 2004 के आसपास अरब देशों में उसने कुछ दुकानें खरीदी थीं और पाकिस्तान में भी कुछ पैसों का निवेश किया था. ड्रग्स की तस्करी से जुड़े सवालों पर उसने कहा कि वह ये धंधा छोड़ चुका था.

हेडली बोला- पत्नी के बारे में सवाल न करें
हेडली ने कहा, 'आप मेरे बारे में सवाल कीजिए, मेरी पत्नी के बारे में नहीं . पत्नी से बातचीत मेरा निजी मामला है.' बचाव पक्ष के वकील ने इसका विरोध करते हुए कहा कि यह सवालों से बचने की कोशि‍श है. सरकारी वकील ने भी कहा कि कोई भी उसे उसकी अपनी पत्नी के खिलाफ बयान देने के लिए बाध्य नहीं कर सकता.

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हेडली ने इशरत को बताया था लश्कर की फिदायीन
हेडली से फरवरी में भी कई दिनों तक पूछताछ हुई थी, जिसमें उन्होंने कई बड़े खुलासे किए थे. हेडली ने बताया था गुजरात में 15 जून 2004 को मुठभेड़ में मारी गई इशरत जहां लश्कर-ए-तैयबा की फिदायीन हमलावर थी. हेडली ने 26/11 हमले को लेकर भी कई बड़े खुलासे किए थे.

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