
बात चाहे देश को बचाने की हो या जिंदगियों को, एक सैनिक हमेशा बलिदान के लिए तैयार रहता है. पायलट अरुणाक्ष नंदी पर भी ये बात लागू होती है. सोमवार को बैंकॉक में दुर्घटनाग्रस्त एंबुलेंस के 2 पायलटों में एक नंदी भी थे. दूसरे पायलट की जान बच गई लेकिन नंदी फर्ज निभाते हुए कुर्बान हुए.
कौन थे अरुणाक्ष नंदी?
रिटायर होने से पहले अरुणाक्ष भारतीय वायुसेना में पायलट थे. उनके सहयोगी उनकी काबिलियत की कसमें खाते हैं. उनकी जांबाजी सिर्फ आसमान में ही नहीं जमीन पर भी बेमिसाल थी. यही वजह थी कि अरुणाक्ष भारतीय एयरफोर्स के सूर्य किरण दस्ते में भी शामिल थे. सूर्य किरण दस्ता अपने बाइक स्टंट्स के लिए जाना जाता है. अरुणाक्ष ने करगिल युद्ध में भी हिस्सा लिया था. विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने उनके निधन पर दुख जताया है.
ऐसे हुआ हादसा
अरुणाक्ष सोमवार को मेदांता अस्पताल की एयर एंबुलेंस उड़ा रहे थे. एंबुलेंस ने नई दिल्ली से बैंकॉक के लिए उड़ान भरी थी. उसके जिम्मे डॉक्टरों की टीम की निगरानी में फेफड़े के एक मरीज को लाने का काम था. विमान ने कोलकाता में ईंधन भरा लेकिन नाखोन पैथेम हवाई अड्डे पर लैंडिंग से पहले ही हादसे का शिकार हो गया. घटना में चार अन्य लोग घायल हुए हैं.