
गणतंत्र दिवस के मौके पर आतंकी हमले के मद्देनजर एनआईए और एटीएस ने शुक्रवार को देश में ISIS के नेटवर्क को ध्वस्त करते हुए कुल 18 संदिग्धों को दबोचा है. दिन में यह संख्या 14 थी, जबकि देर शाम खबर आई कि मुंबई में एक और यूपी के कुशीनगर और लखनऊ से तीन संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है.
जानकारी के मुताबिक, यूपी एटीएस ने कुशीनगर से दो और लखनऊ से आईएसआईएस के एक संदिग्ध को गिरफ्तार किया है. जबकि मुंबई एटीएस और एनआईए ने 36 साल के खान मोहम्मद हुसैन को गिरफ्तार किया है. सभी से पूछताछ की जा रही है.
इससे पहले एनआईए और एटीएस की टीम ने 5 आतंकियों को गिरफ्तार किया, जबकि नौ संदिग्ध आतंकियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. ये सभी आतंकी हमले के लिए हथियार जुटाने की कोशिश कर रहे थे और आइईडी बम बनाने का कुछ सामान जमा भी कर चुके थे. बताया जाता है कि सभी युसुफ नाम के आतंकी के साथ ऑनलाइन संपर्क में थे. सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि युसुफ असल में इंडियन मुजाहिद्दीन का आतंकी सफी अरमर है, जो अब आईएसआईएस के लिए काम कर रहा है.
अजित डोभाल खुद कर रहे हैं मॉनिटर
बताया जाता है कि गणतंत्र दिवस के रंग में भंग डालने की फिराक में लगे आतंकियों के मंसूबों को नाकाम करने के ऑपरेशन को खुद एनएसएस अजित डोभाल मॉनीटर कर रहे हैं. खुफिया और सुरक्षा बलों की बैठक में डोभाल ने सभी आला अधिकारियों को साफ कहा कि किसी भी आतंकी हमले का इनपुट मिलने के बाद रिस्पॉन्स टाईम कम से कम होना चाहिए. आधे घंटे से भी कम होना चाहिए.
अधिकारियों से दिल्ली में जमे रहने की हिदायत
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, रॉ, आईबी, एनएसजी, दिल्ली पुलिस, एनआईए, बीएसएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी, सीआरपीएफ और गणतंत्र दिवस की सुरक्षा में लगे सभी सुरक्षा बलों के डीजी समेत आला अधिकारीयों को 26 जनवरी तक दिल्ली में रहने और दिन-रात इमरजेंसी बैठक के लिए तैयार रहने के लिए कहा गया है.
इसी मिशन के तहत पिछले कुछ दिनों से राजधानी में सुरक्षा बलों ने कई जगहों पर मॉक ड्रिल को अंजाम दिया. जिससे खासतौर पर एनएसजी और दिल्ली पुलिस मॉल, होटल और भीड़भाड़ वाली जगह पर आतंकी हमले को नाकाम कर सके.
आईबी ने पहले से रखी थी नजर
गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव (आंतरिक सुरक्षा) एमए गणपति के मुताबिक, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक और तेलंगाना में फैले इन आतंकी पहले से खुफिया ब्यूरो के रडार पर थे और लगभग छह महीने से उनकी ऑनलाइन और ऑफलाइन गतिविधियों पर नजर रखी जा रही थी. जैसे ही इन आतंकियों ने हमला करने के लिए हथियार खरीदने की तैयारी शुरू की और कुछ आइईडी बनाने के सामान जुटाने के संकेत मिले, एनआइए ने उन्हें दबोच लिया.
आतंकी हमले को लेकर अलर्ट जारी
शुक्रवार दिन में जिन 14 आतंकियों को हिरासत में लिया गया है, उनमें से तीन मुंबई, चार हैदराबाद, चार बंगलुरु, एक मंगलुरु, एक टुनकुर और एक लखनऊ से है. इनमें थाने के मुंब्रा के रहनेवाले मुदब्बीर मुस्ताक शेख, हैदराबाद के मोहम्मद नफीस खान और शरीफ मोउनुद्दीन खान, मंगलुरु के नजमुल हुडा और बंगलुरु के मोहम्मद अफजल को गिरफ्तार कर लिया गया है. गणपति ने कहा कि बाकि नौ संदिग्ध आतंकियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है और ठोस सबूत मिलने की स्थिति में उन्हें भी गिरफ्तार किया जा सकता है.
पूर्व आईएम आतंकी और भारत में ही ट्रेनिंग
पूछताछ में पता चला है कि अलग-अलग शहरों में रहने वाले इन आतंकियों में कुछ ही एक-दूसरे को जानते थे. लेकिन ये सभी युसुफ नाम के आतंकी के साथ ऑनलाइन संपर्क में थे. सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि युसुफ कोई और नहीं आइएम का पूर्व आतंकी सफी अरमर है. स्काइप और दूसरे सोशल साइट्स पर बातचीत में अरमर इन पर जल्द ही कोई आतंकी हमला करने का दबाव बना रहा है.
बताया जाता है कि सफी अरमर नए आतंकियों को भारत के भीतर ही आतंकी ट्रेनिंग देने के कैंप लगाने की योजना भी बना रहा था. ताकि उन्हें आईईडी बम बनाने से लेकर हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी जा सके. लेकिन अभी तक यह ट्रेनिंग कैंप नहीं लगाया जा सका था. इसके पहले सफी अरमर चाहता था कि ये आतंकी स्थानीय स्तर पर विस्फोट कर अपनी क्षमता का परिचय दें. इसके लिए इन्हें छह लाख रुपये भी पहुंचाए गए थे. छापे के दौरान एनआईए को इनके ठिकाने से आईईडी बनाने में प्रयुक्त होने वाले काफी सामान मिले हैं.