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क्या है हनुमान की जाति? अब तक सामने आए ये 7 दावे

देश में हनुमान की जाति, समुदाय और नस्‍ल को लेकर कई दिग्‍गज नेता और चर्चित चेहरे अपने-अपने दावे पेश कर रहे हैं. उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के हनुमान को दलित बताने के बाद एक सप्‍ताह के भीतर सात बड़े बयान सामने आ चुके हैं.

फाइल फोटो(साभार-PTI) फाइल फोटो(साभार-PTI)
राहुल झारिया
  • नई दि‍ल्‍ली,
  • 02 दिसंबर 2018,
  • अपडेटेड 9:07 PM IST

ऐसा लग रहा है कि देश में हनुमान की जाति, समुदाय और नस्‍ल बताने की होड़ सी मच गई है. उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के हनुमान को दलित बताने के बाद से अब तक सात बड़े बयान सामने आ चुके हैं, जिसमें हनुमान की जाति समेत समुदाय और नस्‍ल को लेकर दावे किए गए हैं.

1. सबसे पहले बोले योगी आदित्यनाथ

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इन सात लोगों में सबसे पहला नाम उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ का है. सीएम योगी ने 27 नवंबर को राजस्थान के अलवर में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि हनुमान वनवासी, वंचित और दलित थे. उनके इस बयान के बाद राजस्थान के एक दक्षिणपंथी संगठन ने आदित्यनाथ को कानूनी नोटिस भेजकर कहा है कि वह अपने बयान पर माफी मांगें.

2. एसटी आयोग के अध्यक्ष ने कहा, भगवान हनुमान आदिवासी  थे

सीएम योगी के हनुमान को दलित बताने वाले बयान के बाद राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी) के अध्यक्ष नंद कुमार साय ने 30 नवंबर को दावा किया था कि भगवान हनुमान आदिवासी थे.

3. बाबा रामदेव ने बताया- हनुमान क्षत्रिय

30 नवंबर को बाबा रामदेव झारखंड की राजधानी रांची में थे. उनसे जब हनुमान जी की जाति के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा वो रामभक्त हैं. वे अष्ट सिद्धि के ज्ञानी होने के साथ-साथ क्षत्रिय भी हैं.

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4. मंत्री सत्यपाल सिंह बोले- हनुमान किसी जाति के नहीं बल्कि आर्य थे

सीएम योगी आदित्यनाथ ने तो हनुमान की जाति खोजी थी, लेकिन बीजेपी के केंद्रीय मंत्री ने उनकी नस्ल खोज ली है. अलवर में 30 नवंबर को ही विधानसभा चुनाव में प्रचार के लिए आए केंद्रीय मानव संसाधन राज्य मंत्री सत्यपाल सिंह ने कहा कि हनुमानजी दलित नहीं आर्य नस्ल के थे.

सत्यपाल सिंह ने कहा कि राम और हनुमान के समय में जाति व्यवस्था नहीं थी और उस जमाने में वर्ण व्यवस्था थी. बाल्मीकी रामायण और रामचरित मानस के अनुसार उस जमाने में दलित, वंचित और शोषित नहीं थे.

5. हनुमान तो ब्राह्मण थे: शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद

हनुमान की जाति को लेकर हो रही बयाबाजी के बीच शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने उन्हें ब्राह्मण बताया. उन्होंने 1 दिसंबर को  मध्‍यप्रदेश के जबलपुर में तुलसीदास जी के लिखी चौपाई का हवाला देते हुए कहा कि हनुमान ब्राह्मण थे न कि दलित. उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाया कि राममंदिर निर्माण को लेकर बीजेपी ईमानदार नहीं है. वह सिर्फ चुनावी फायदे के लिए इस मुद्दे को उछाल रही है.

6. सांसद गोपाल नारायण बोले- हनुमान का दर्जा दलित से भी नीचे

बीजेपी नेता और राज्यसभा सांसद गोपाल नारायण सिंह ने गया में 1 दिसंबर को बयान दिया कि हनुमान तो बंदर थे और बंदर पशु होता है, जिसका दर्जा दलित से भी नीचे होता है. वो तो राम ने उन्हें भगवान बना दिया, यही क्या कम है.

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साथ ही उन्होंने सीएम योगी का बचाव करते हुए कहा कि योगी के बयानों को गलत तरीके से पेश किया गया है. योगी ने सच ही कहा था और उन्होंने विशेष संदर्भ में उस बात का जिक्र किया था.

7. आचार्य निर्भय सागर ने कहा- हनुमान जैन थे

मध्यप्रदेश के समसगढ़ के जैन मंदिर में आचार्य निर्भय सागर महाराज ने आजतक से बात करते हुए कहा कि जैन धर्म में ऐसे कई संस्मरणों का जिक्र है जिससे ये साबित होता है कि हनुमान जैन धर्म से थे.

निर्भय सागर ने रविवार को हनुमान को जैन साबित करने के लिए तर्क देते हुए कहा कि जैन धर्म के अहिंसा धर्म को शुरू से हनुमान ने स्वीकार किया इसलिए उन्होंने हिंसक युद्ध नहीं किया और इसलिए इससे ये साबित होता है कि हनुमान जैन थे क्योंकि जैन कोई जाति नहीं, बल्‍कि एक धर्म है.

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