
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ कर दिया है कि राष्ट्रवाद बीजेपी की पहचान है और पार्टी को अब इसी रास्ते चलना है. मोदी ने पार्टी की कोर कमेटी की मीटिंग में एजेंडा सेट कर दिया है. मोदी ने कहा कि कुछ ताकतें देश की एकता और अखंडता के खिलाफ काम करने में जुटी हैं. ऐसे में तिरंगा यात्रा ने राष्ट्रवाद का भाव मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई है.
जानिए, आखिर क्या ऐसी वजहें रहीं कि मोदी और पार्टी को राष्ट्रवाद की डगर पर चलने का एजेंडा बनाना पड़ गया.
देशभर में उठा विवाद
पिछले दिनों गुजरात में दलितों पर अत्याचार, बेंगलुरु और जेएनयू में 'आजादी' के नारे लगाने वालों पर देशद्रोह के केस दर्ज होने पर देशभर में विवाद उठा था. इस मसले पर विपक्षी दलों को मोदी सरकार को घेरने का मौका मिल गया. अब लगता है कि बीजेपी ने इन विवादों से सबक लिया है. मोदी ने दलितों और कमजोर तबकों पर अत्याचार बढ़ने से जुड़ी धारणाएं फैलाने के खिलाफ डटने को कहा है.
विधानसभा चुनावों पर बीजेपी की नजर
पार्टी की नजर अब यूपी, पंजाब और गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनावों पर है. पार्टी इन चुनावों में वह लोकसभा चुनाव जैसी जीत का सपना पाले है. दो साल पहले पार्टी की रिकॉर्ड जीत में भी राष्ट्रवाद की अहम भूमिका रही थी. इसलिए मोदी चाहते हैं कि पार्टी इस संदेश और एजेंडे पर कायम रहे.
समाज के सभी तबकों के साथ चलने को तैयार
आमतौर पर बीजेपी की छवि एक सांप्रदायिक पार्टी के तौर पर रही है. लोकसभा चुनाव में मिली प्रचंड जीत से उत्साहित पार्टी बिहार विधानसभा चुनाव में उतरी तो उसे मुंह की खानी पड़ी. विपक्षी दलों ने आरक्षण और सांप्रदायिकता के मुद्दे पर बीजेपी के खिलाफ जमकर प्रचार किया. बीजेपी अब चाहती है कि जनता के बीच उसके प्रति पहले से बनी छवि बदले और लोगों को लगे कि यह पार्टी समाज के सभी तबकों को साथ लेकर चलने वाली है.
गोरक्षा मुद्दे ने भी पकड़ी तूल
हाल के दिनों में गोरक्षा के मुद्दे ने भी काफी तूल पकड़ा. यहां तक कि मामले में पीएम मोदी को दखल देना और गोरक्षकों को उन्होंने खरी-खरी सुना दी. मोदी सरकार का दावा है कि वो लगातार विकास को आगे बढ़ा रही है. लेकिन कुछ लोग जनता का ध्यान उधर से हटा रहे हैं. ऐसे में आम आदमी को बताना जरूरी हो गया है कि बीजेपी का एकमात्र लक्ष्य राष्ट्र निर्माण है.