
पूर्वोत्तर के तीन राज्यों- त्रिपुरा, मेघालय और नगालैंड में हुए चुनावों के बाद केंद्र में सत्तारूढ़ बीजेपी इन तीनों राज्यों में सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाने जा रही है. मेघालय में 6 मार्च को, नगालैंड में 7 मार्च को और त्रिपुरा में 8 मार्च को नई सरकार शपथ लेगी. इसके साथ ही बीजेपी तीन और नए राज्यों में हुकूमत करने लगेगी.
तीनों राज्यों में 60-60 सदस्यीय विधानसभा हैं और विभिन्न कारणों से तीनों ही राज्यों में 59-59 सीटों पर मतदान हुआ. तीन में से एक राज्य में बीजेपी का मुख्यमंत्री बनेगा तो दो राज्यों में वह सरकार में शामिल रहेगी. असम और अरूणाचल प्रदेश में बीजेपी पहले से ही सत्ता में है.
तीनों राज्यों के लिए पर्यवेक्षक तय
बीजेपी के संसदीय बोर्ड ने केंद्रीय मंत्रियों नितिन गडकरी और जुअल ओराम को त्रिपुरा के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया है. इन मंत्रियों को राज्य में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के चयन का काम सौंपा गया है. पार्टी को यहां अपने सहयोगी दलों के साथ दो तिहाई बहुमत हासिल हुआ है. त्रिपुरा में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बिप्लव देब कह चुके हैं कि वह राज्य में मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी लेने को तैयार हैं, लेकिन पार्टी महासचिव राम माधव ने कहा है कि इस पर बीजेपी संसदीय बोर्ड की ओर से ही फैसला लिया जाएगा. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा और पार्टी के महासचिव अरूण सिंह को नगालैंड के लिए पर्यवेक्षक बनाया गया है तो केंद्रीय मंत्री किरन रिजुजू और अल्फोंस कन्नाथनम मेघालय के पर्यवेक्षक हैं.
अमित शाह आरएसएस नेताओं से मिले
तीन राज्यों के नतीजे आने के बाद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने रविवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) मुख्यालय गए और उन्होंने संघ प्रमुख मोहन भागवत और दूसरे वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की. वह वरिष्ठ आरएसएस पदाधिकारी भैयाजी जोशी से भी मिले. इससे पहले वह केंद्रीय मंत्री और त्रिपुरा के पर्यवेक्षक नितिन गडकरी से भी मिले थे.
त्रिपुरा में बीजेपी और उसकी सहयोगी आईपीएफटी के विधायक अपने नेता के चुनाव के लिए छह मार्च को बैठक करेंगे. बीजेपी ने त्रिपुरा में 25 सालों से जारी वाम शासन को उखाड़ फेंका है. बीजेपी का पूरे त्रिपुरा में एक पार्षद भी नहीं था और उसने 2013 के चुनाव में दो प्रतिशत से भी कम वोट हासिल किया था. इसलिए विधानसभा चुनावों में उसकी जीत काफी अहम है. प्रदेश की 60 सदस्यीय विधानसभा में बीजेपी ने 35 सीटों पर जीत दर्ज की है वहीं सहयोगी आईपीएफटी की झोली में 8 सीटें आई हैं. सीपीएम के नेतृत्व में वाम मोर्चे को केवल 16 सीटें मिली हैं.
नगालैंड में बीजेपी को दो जगह से न्योता
नगालैंड में बीजेपी-एनडीपीपी का गठबंधन बहुमत से दूर है, पर राज्यपाल पीबी आचार्य ने एनडीपीपी नेता नेफियू रियो को 32 विधायकों के समर्थन वाला पत्र लाने को कहा है. राज्यपाल ने मौजूदा सीएम और एनपीएफ नेता टीआर जेलियांग को बहुमत साबित करने के लिए 48 घंटे का समय दिया है. 60 सीटों वाली विधानसभा में एनपीएफ को 26, एनडीपीपी को 18 और बीजेपी को 12 सीटें मिली हैं. एनपीपी को 2 और जेडीयू और निर्दलीय को 1-1 सीट मिली हैं. बीजेपी ने एनडीपीपी के साथ चुनाव लड़ा है और एनपीएफ भी उसे अपने साथ सरकार बनाने का न्योता दे रही है. हालांकि बीजेपी अब भी एनडीपीपी, एनपीपी, जेडीयू और एक निर्दलीय विधायक के साथ मिलकर सरकार बना सकती है.
मेघालय में बीजेपी सरकार में शामिल
मेघालय में भी 60 सीटें हैं. यहां सत्ताधारी कांग्रेस 21 सीटें जीतकर अकेली सबसे बड़ी पार्टी बनी है. बीजेपी ने मेघालय में केवल दो सीटें जीती हैं, लेकिन सरकार बनाने में वह सबसे ज्यादा भागदौड़ कर रही है. बीजेपी की सहयोगी नेशनल पीपल्स पार्टी (एनपीपी) के पास 19 सीटें हैं. 6 सीटें जीतने वाली यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी (यूडीपी), 4 सीटें पाने वाली पीडीएफ, 2 सीटें जीतने वाली एचएसपीडीपी और एक निर्दलीय विधायक भी एनपीपी को समर्थन दे रही हैं. एनपीपी के नेता कोनराड संगमा ने रविवार शाम को राज्यपाल को इन सभी पार्टियों के विधायकों के समर्थन की चिट्ठी सौंपी.