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प्रणब-भागवत ने वैचारिक विविधता के संवाद की नजीर पेश की: आडवाणी

बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कहा, 'मैं RSS के संघ शिक्षा वर्ग-तृतीय वर्ष के समापन समारोह में पूर्व राष्ट्रपति मुखर्जी को आमंत्रित करने के लिए मोहन भागवत की सराहना करता हूं. साथ ही इस आमंत्रण को स्वीकार करने लिए प्रणब मुखर्जी को तहेदिल से बधाई देता हूं.'

बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी
राम कृष्ण/पॉलोमी साहा
  • नई दिल्ली,
  • 08 जून 2018,
  • अपडेटेड 4:36 PM IST

बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सर संघचालक मोहन भागवत और पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की जमकर तारीफ की है. उन्होंने कहा, 'RSS के आजीवन स्वयंसेवक होने के नाते मेरा मानना है कि दोनों नेताओं ने वैचारिक विविधता के संवाद की प्रशंसनीय नजीर पेश की है.'

RSS के संघ शिक्षा वर्ग-तृतीय वर्ष के समापन समारोह को ऐतिहासिक बताते हुए उन्होंने कहा कि गुरुवार को प्रणब मुखर्जी ने नागपुर स्थित RSS मुख्यालय का दौरा किया और भारतीय राष्ट्रवाद पर अपने विचार रखे. यह हमारे देश के समकालिक इतिहास का बेहद महत्वपूर्ण कार्यक्रम रहा.

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मोहन भागवत की सराहना करते हुए आडवाणी ने कहा कि संघ ने संवाद के जरिए देश के विभिन्न वर्ग तक अपनी पहुंच बनाने की कोशिशों को तेज किया है, जिससे आपसी सौहार्द, सहिष्णुता और सहयोग के माहौल को बनाने में मदद मिलेगी.

उन्होंने कहा, 'मैं RSS के संघ शिक्षा वर्ग-तृतीय वर्ष के समापन समारोह में पूर्व राष्ट्रपति मुखर्जी को आमंत्रित करने के लिए मोहन भागवत की सराहना करता हूं. साथ ही इस आमंत्रण को स्वीकार करने लिए प्रणब मुखर्जी को तहेदिल से बधाई देता हूं.'

बीजेपी के वरिष्ठ नेता ने कहा कि प्रणब मुखर्जी और मोहन भागवत ने आरएसएस के कार्यक्रम में सामंजस्यपूर्ण तरीके से अपने विचार रखे. साथ ही भारत की एकता की आवश्यकता पर प्रकाश डाला, जो बहुलवाद संस्कृति समेत सभी विभिन्नताओं को स्वीकार करती है और उनका सम्मान करती है.

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बता दें कि गुरुवार को नागपुर में आरएसएस के कार्यक्रम में प्रणब मुखर्जी ने राष्ट्र, राष्ट्रवाद और देशभक्ति पर अपनी बात रखी थी. RSS के मंच से प्रणब मुखर्जी ने कहा था, 'मैं यहां पर राष्ट्र, राष्ट्रवाद और देशभक्ति समझाने आया हूं. भारत दुनिया का पहला राज्य है और इसके संविधान में आस्था ही असली देशभक्ति है. विविधतता हमारी सबसे बड़ी ताकत है. हम विविधता में एकता को देखते हैं. हमारी सबकी एक ही पहचान 'भारतीयता' है.'

आडवाणी ने कहा, 'मुझे इस बात की खुशी है कि मुझको प्रणब बाबू के साथ संसद के भीतर और बाहर काम करने व उनको समझने का मौका मिला. उनको सार्वजनिक जीवन का लंबा अनुभव है. वो संवाद और विभिन्न विचारधारा व राजनीतिक पृष्ठभूमि के लोगों के बीच सहयोग की आवश्यकता पर यकीन करते हैं.' कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रणब मुखर्जी राष्ट्रपति बनने से पहले बतौर सांसद और केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं.

आडवाणी ने कहा, 'मुझे इस बात की प्रसन्नता है कि मोहन भागवत के नेतृत्व में RSS ने देश के विभिन्न वर्ग के लोगों तक अपनी पहुंच बनाने की कोशिशों को तेज किया है.' उन्होंने कहा कि ऐसे संवाद से निश्चित रूप से सहिष्णु, सौहार्द और सहयोग के माहौल को बनाने में मदद मिलेगी.

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