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दिल्ली में हो सकता है ब्लैक आउट, बिजली संयंत्रों के पास नहीं है कोयला

ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने बताया कि उन्होंने 17 मई को केंद्रीय कोयला मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर कोयले की कमी के बारे में अलर्ट किया था लेकिन एक हफ्ता गुजर जाने के बाद भी केंद्र सरकार से अबतक कोई जवाब नहीं आया है.

बिजली संकट. बिजली संकट.
आदित्य बिड़वई/पंकज जैन
  • नई दिल्ली,
  • 26 मई 2018,
  • अपडेटेड 11:08 AM IST

गर्मी के बढ़ते कहर के बीच देश की राजधानी को एक बड़ी मुसीबत का सामना करना पड़ सकता है. आम आदमी पार्टी सरकार में ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने दावा किया है कि बिजली संयंत्रों के पास कोयले का आरक्षित भंडार एक दिन से ज्यादा की खपत के लिए नहीं बचा है. दिल्ली सरकार ने ब्लैक आउट की आशंका जताई है.

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ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने बताया कि उन्होंने 17 मई को केंद्रीय कोयला मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर कोयले की कमी के बारे में अलर्ट किया था लेकिन एक हफ्ता गुजर जाने के बाद भी केंद्र सरकार से अबतक कोई जवाब नहीं आया है.

जानकारी के मुताबिक, दिल्ली को कोयले से चलने वाले थर्मल जनरेटिंग स्टेशनों दादरी, झज्जर और बदरपुर से 2325 मेगावाट बिजली मिलती है और मौजूदा समय में 1355 मेगावाट ही बिजली मिल पा रही है. अगर कोई पावर प्लांट बंद हो जाता है तो फिर दिल्ली-एनसीआर में हालात खराब हो सकते हैं.

दिल्ली-एनसीआर के पावर प्लांट में कोयले के स्टॉक की कमी पर चिंता जताते हुए ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने केंद्रीय कोयला मंत्री पीयूष गोयल को भेजे पत्र में लिखा है कि दादरी, झज्जर और बदरपुर के पावर प्लांट में पहले कोयले का जहां दो-दो हफ्ते का स्टॉक रहता था, वहीं अब हालत यह है कि केवल एक से दो दिन के कोयले की ही उपलब्धता रह गई है और अगर इसी तरह से कोयले की कमी जारी रही तो दिल्ली-एनसीआर में ब्लैक आउट भी हो सकता है.

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सत्येंद्र जैन के मुताबिक डिस्कॉम की ओर से दिल्ली सरकार को पावर प्लांट में कोयले के स्टॉक की कमी के बारे में लगातार जानकारी दी जा रही है. जैन ने अपने पत्र में पीयूष गोयल को लिखा है कि दिल्ली में अब गर्मी बहुत हो गई है और बिजली की डिमांड 7000 मेगावाट तक पहुंच सकती है. कोयले से चलने वाले जनरेटिंग स्टेशन में कोयले की कमी है और ज्यादा स्टॉक नहीं बचा है.

जैन ने केंद्रीय मंत्री को बताया कि बढ़ती गर्मी के साथ बिजली की डिमांड बढ़ रही है और तुरंत जरूरी कदम उठाए जाने की जरूरत है. सत्येंद्र जैन ने मांग की है कि मौजूदा समय के साथ- साथ भविष्य में भी इस तरह की समस्या न हो, इसके लिए भी योजना बनाए जाने की जरूरत है. 

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