
केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में मंत्रियों और सरकारी गाड़ियों से लाल बत्ती हटाने के फैसले के बाद सरकार के तमाम बड़े मंत्रियों ने अपनी गाड़ियों से लाल बत्ती हटाना शुरू कर दिया है. सरकार के इस कदम की आम जनता ने भी सराहना की है. लेकिन सीपीएम नेता वृंदा करात ने सरकार के कदम पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि गाड़ियों से बत्तियां तो मिनटों में हट जाती हैं असल दिक्कत तो दिमाग से लालबत्ती हटाने में आती है.
वृंदा करात ने कहा कि बीजेपी के नेता जनता से सीधे मुंह बात तक नहीं करते तो देश से वीआईपी कल्चर कैसे खत्म होगा. वृंदा करात ने कहा कि जहां किसान सूखे और बाढ़ के चलते लगातार आत्महत्या कर रहे हैं और निर्दोष गोरक्षा के नाम पर मारे जा रहे हों वहां सरकार को इस मुद्दे पर कैबिनेट में बात करने की सुध नहीं आती. उन्होंने कहा कि लाल बत्ती हटाना मुद्दा नहीं बल्कि लाल बत्ती कल्चर खत्म करना होना चाहिए.
सरकार के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए जेडीयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने सरकार के इस कदम का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि गांधी के देश में गांधी के सिद्धांतों और सीख के साथ उनके व्यवहार पर चलने की पहल हुई है. त्यागी ने इतिहास के पन्ने पलटते हुए कहा कि जब प्रार्थना सभा में बापू पर हमले की साज़िश का खुलासा हुआ तो तब के गृह मंत्री सरदार पटेल ने कहा था कि बापू की प्रार्थना सभा मे आने वाले हर आदमी की जामा तलाशी होगी. बापू ने इस पर दो टूक कहा तो फिर मैं प्रार्थना सभा ही नहीं करूंगा. त्यागी ने कहा सरलता, सहजता, सात्विकता और सादगी के लिए उठाए जाने वाले हर कदम का स्वागत है बशर्ते कदम पूरी निष्ठा से उठाया जाए.
लाल बत्ती कल्चर को लेकर दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार और पंजाब की अमरिंदर सिंह सरकार पहले ही सख्त रुख अपना चुकी है लेकिन पहली बार मोदी सरकार ने कानून के जरिए इस पर लगाम लगाने की कोशिश की है.