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समुद्र में जान की बाजी लगाकर बचाई थी 7 लोगों की जान, अब मिलेगा IMO अवॉर्ड

राधिका मेनन ने समुद्र में फंसे 7 ऐसे मछुआरों की जान बचाई थी, जिन्हें बचाना करीब-करीब नामुमकिन हो गया था.

कैप्टन राधिका मेनन कैप्टन राधिका मेनन
अंजलि कर्मकार
  • नई दिल्ली,
  • 09 जुलाई 2016,
  • अपडेटेड 4:30 PM IST

चार साल पहले राधिका मेनन वो पहली महिला थीं, जिन्हें मर्चेंट नेवी में कैप्टन बनाया गया था. अब उन्हें अंतरराष्ट्रीय मरीन ऑर्गनाईजेशन ने समुद्र में अदम्य साहस के लिए सम्मानित करने का फैसला लिया है. राधिका मेनन ऐसी एकमात्र भारतीय महिला हैं, जिन्हें ये अवॉर्ड दिया जा रहा है.

7 मछुआरों की बचाई थी जान
राधिका मेनन ने समुद्र में फंसे 7 ऐसे मछुआरों की जान बचाई थी, जिन्हें बचाना करीब-करीब नामुमकिन हो गया था. पिछले साल जून में आंध्र प्रदेश के काकीनाड़ा से ओडिशा के गोपालपुर जा रही मछुआरों की एक नाव दुरगम्मा समुद्री तूफान में फंस गई और उसका इंजन भी खराब हो गया. मछुआरों के परिवारवालों को लगा कि वो सभी डूब गए हैं और वो उनके क्रिया कर्म की तैयारी करने लगे, तभी उन्हें फोन आया कि सभी मछुआरों को बचा लिया गया है.

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राधिका ने कहा- लोगों की जान बचाना मेरी ड्यूटी
राधिका मेनन और उनकी टीम ने तूफान के बावजूद उन सभी मछुआरों को सुरक्षित बाहर निकाला. शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के शिप पर मौजूद मेनन ने इमेल के जरिए कहा है कि वो इस सम्मान के लिए आभारी हैं. उन्होंने ये भी कहा है कि तूफान में फंसे लोगों को बाहर निकालना उनकी ड्यूटी थी.

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