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बजट सत्र को लेकर संसद में गुरुवार को सर्वदलीय बैठक हुई, जिसमें कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, दीपेंद्र हुडा, वामदल के नेता सीताराम येचुरी, जेडीयू अध्यक्ष शरद यादव समेत तमाम बड़े नेता मौजूद रहे. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, संसद का बजट सत्र दो हिस्सों में 23 फरवरी से 13 मई के बीच आयोजित किया जाएगा.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, सरकार राष्ट्रपति से सिफारिश करेगी कि बजट सत्र दो हिस्सों में आयोजित किया जाए. इसके तहत पहला सत्र 23 फरवरी से 16 मार्च तक आयोजित किया जाएगा, जबकि दूसरा सत्र 25 अप्रैल से 13 मई तक. 23 फरवरी को संसद का संयुक्त सत्र होगा, जिसे राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी संबोधित करेंगे.
बैठक के बाद नेताओं की प्रतिक्रिया
दूसरी ओर, सर्वदलीय बैठक के बाद जेडीयू अध्यक्ष शरद यादव ने कहा कि हमने सरकार से गुजारिश की है कि बजट सत्र में दिन कम नहीं होने चाहिए, भले ही पूरा सत्र एक साथ हो. बता दें कि गुरुवार की बैठक में तारीखों पर फैसला होने की उम्मीद है. तारीख तय करने के लिए संसदीय मामलों की कैबिनेट कमेटी की बैठक भी होनी है.
संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा, 'सरकार ने सरकार बजट सत्र का प्रस्ताव रखा है, जिसमें स्थायी समितियों की बैठकों के लिए बीच में अवकाश की बात की गई है.' कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, 'हमने सुझाव दिया है कि सत्र की अवधि में किसी भी तरह से कटौती नहीं होनी चाहिए और अवकाश होना चाहिए, ताकि स्थायी समितियों की बैठक हो सके.'
विधानसभा चुनावों को लेकर होगी चर्चा
सूत्रों के मुताबिक, पहली बैठक में इन सभी दलों से बातचीत कर सरकार यह टटोलना चाहती है कि सेशन के बारे में उनकी क्या राय है. दरअसल, 5 राज्यों में इस साल अप्रैल-मई में चुनाव होने हैं. ऐसे में सरकार को तय करना है कि बजट सेशन का दूसरा हिस्सा किन तारीखों में किया जाए.
कई विकल्पों पर विचार
ऐसे में सरकार के समक्ष कई विकल्प हैं इसलिए सरकार इन राज्यों के चुनाव में हिस्सा लेने वाले दलों के नेताओं से बातचीत करेगी. उसके बाद उसी आधार पर ही संसदीय मामलों की कैबिनेट कमिटी में चर्चा करके सेशन के लिए तारीखें तय की जाएंगी. इसी सेशन में रेल बजट, आर्थिक सर्वे और जनरल बजट पेश किया जाना है.
सत्र कम दिनों का हो सकता है
चुनाव के मद्देनजर आगामी बजट सत्र का पीरियड कम रखने पर भी विचार किए जाने की भी संभावना है. अगर ऐसा होता है तो बाकी पार्टियों को तो इसपर ऐतराज नहीं होगा, लेकिन कांग्रेस और सीपीएम बजट सेशन को छोटा रखने का विरोध करेंगी.
कांग्रेस में हुई चर्चा
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बुधवार शाम को इस सिलसिले में संसदीय मामलों पर पार्टी की कोर कमेटी की बैठक बुलाई थी, जिसमें पार्टी के फ्लोर लीडर्स और दोनों सदनों के पार्टी के व्हिप शामिल हुए. खबर यह भी है कि सीपीएम के मुखिया सीताराम येचुरी पहले ही सत्र को छोटा रखने पर अपनी पार्टी की तरफ से विरोध जता चुके हैं. येचुरी ने यह भी कहा है कि उनकी पार्टी हर साल संसद की 100 बैठक जरूरी किए जाने के लिए संविधान में संशोधन भी चाहती है.