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सरकार सेंसर बोर्ड पर ही कैंची चलाने की तैयारी में

सूचना प्रसारण मंत्रालय ने सिनेमेटोग्राफी एक्‍ट में बड़े बदलाव के लिए एक बिल तैयार किया है. संसद के शीतकालीन सत्र में इस बिल को पेश किया जाएगा. पिछले दिनों में जिस तरह सेंसर बोर्ड फिल्मों को सर्टिफिकेट देने को लेकर विवादों में फंसा उसके बाद अब मोदी सरकार फिल्‍मों के प्रमाणन देने की प्रक्रिया में किसी भी तरह के विवाद नहीं चाहती है.

रिव्यू और मॉनिटर कमिटी देगी फिल्मों को सर्टिफिकेट रिव्यू और मॉनिटर कमिटी देगी फिल्मों को सर्टिफिकेट
सबा नाज़/हिमांशु मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 13 अगस्त 2016,
  • अपडेटेड 5:05 AM IST

सूचना प्रसारण मंत्रालय ने सिनेमेटोग्राफी एक्‍ट में बड़े बदलाव के लिए एक बिल तैयार किया है. संसद के शीतकालीन सत्र में इस बिल को पेश किया जाएगा. पिछले दिनों में जिस तरह सेंसर बोर्ड फिल्मों को सर्टिफिकेट देने को लेकर विवादों में फंसा उसके बाद अब मोदी सरकार फिल्‍मों के प्रमाणन देने की प्रक्रिया में किसी भी तरह के विवाद नहीं चाहती है. इसलिए फिल्म प्रमाणन की प्रक्रिया पर फिर से काम किया जा रहा है और इसे जल्दी ही बदला जाएगा.

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फिल्म प्रमाणन की प्रक्रिया में बदलाव के लिए दो कमेटी बनाई जाएगी एक रिव्‍यू कमेटी और दूसरी मॉनिटर कमेटी. दोनों कमेटी के सदस्‍यों का चुनाव राष्‍ट्रीय महिला आयोग, राष्‍ट्रीय बाल अधिकार से किया जाएगा और साथ में मनोचिकित्‍सक भी समिति का हिस्‍सा होंगे. सूत्रों की माने तो फिल्‍मों को चार तरह की श्रेणियों में ही सर्टिफिकेट दिए जाएंगे जो इस प्रकार हैं U12+, U15+, A and A+. कमेटी के पास फिल्‍मों में बदलाव करने या फिर किसी भी तरह की काट-छांट करने का अधिकार नहीं होगा. मॉनिटर कमेटी एक दिन में दो से ज्‍यादा फिल्‍में नहीं देख सकेगी.

श्रम मंत्रालय को जाएगा सेंसर बोर्ड का पैसा
वो फिल्म निर्माता जिन्हें तुरंत ही फिल्म क्लियरेंस चाहिए उनके लिए तत्‍काल कैटेगरी भी रखी जाएगी. लेकिन इसके लिए फिल्म निर्माता को अतिरिक्‍त भुगतान भी करना होगा. फिल्म प्रमाणन से जो रकम जमा होगी वह श्रम मंत्रालय को दी जाएगी. श्रम मंत्रालय इस राशि का इस्‍तेमाल फिल्‍म निर्माण में लगे श्रमिकों की भलाई के लिए करेगा.

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धूम्रपान के सीन पर नहीं होगी चेतावनी
धूम्रपान से संबंधित एक सुधार फिल्‍मों में चेतावनी के रूप से जुड़ा है. फिलहाल फ़िल्म में धूम्रपान के हर सीन के वक्‍त चेतावनी दिखाई जाती है कि धूम्रपान स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है लेकिन अब इसकी जगह फिल्‍म की शुरुआत में ही चेतावनी दिखानी होगी. इसके साथ धूम्रपान से जुड़ी एक छोटी सी फ़िल्म शुरुआत में ही दिखानी होगी.

बिल से खत्म होगा विवाद
सेंसर बोर्ड के चेयरमैन पलहाज निलहानी ने इस बिल का स्वागत किया है. सूत्रों की माने तो सरकार मानती है कि फिल्म देखने वाले लोग ही खुद निर्णय करें कि वो क्‍या देखना चाहते हैं. मतलब साफ है अब सरकार ने फिल्म निर्माताओं और जनता के बीच में नहीं पड़नी की ठानी है और इसलिए ही सरकार ने अपना दायरा सीमित भी कर लिया है. सवाल ये है कि क्या इस बिल के बाद विवाद खत्म हो जाएंगे.

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