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NSG में भारत की एंट्री रोकने के लिए चीन की टेढ़ी चाल

परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (NSG) में भारत का प्रवेश रोकने के अपने कदम का बचाव करते हुए चीन ने शुक्रवार को दावा किया कि 48 देशों के इस संगठन में कई सदस्य उसकी इस राय से सहमत हैं कि परमाणु अप्रसार संधि (NPT) पर हस्ताक्षर NSG के विस्तार के लिए महत्वपूर्ण मापदंड है.

अमित कुमार दुबे/BHASHA
  • नई दिल्ली,
  • 13 मई 2016,
  • अपडेटेड 12:17 AM IST

पड़ोसी मुल्क चीन ने परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (NSG) में भारत का प्रवेश रोकने के अपने कदम का बचाव किया है. उसने शुक्रवार को दावा किया कि 48 देशों के इस संगठन में कई सदस्य उसकी इस राय से सहमत हैं कि परमाणु अप्रसार संधि (NPT) पर हस्ताक्षर NSG के विस्तार के लिए महत्वपूर्ण मापदंड है.

पाक को NSG में शामिल करने के पक्ष में चीन
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने कहा कि न केवल चीन बल्कि ढेर सारे दूसरे NSG सदस्यों का मत है कि NPT अंतरराष्ट्रीय परमाणु निरस्त्रीकरण व्यवस्था की सुरक्षा के लिए आधारशिला है. जब उनसे इस खबर के बारे में पूछा गया कि चीन इस ब्लॉक में भारत के प्रवेश से चीजों को जोड़ते हुए NSG में पाकिस्तान के प्रवेश पर जोर दे रहा है तो लू ने कहा कि NSG एनपीटी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जिस पर लंबे समय से अंतरराष्ट्रीय समुदाय के बीच आम सहमति है.

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चीन का दावा भारत NSG का हिस्सा नहीं
उन्होंने दावा किया कि वैसे भारत NSG का हिस्सा नहीं है लेकिन भारतीय पक्ष इस आम सहमति को मान्यता देता है. उन्होंने कहा कि NSG समेत सभी बहुपक्षीय परमाणु अप्रसार निर्यात नियंत्रण व्यवस्था ने NPT को NSG के विस्तार के लिए महत्वपूर्ण मापदंड माना है. पाकिस्तान का उल्लेख किए बगैर लू ने कहा कि भारत के अलावा, ढेर सारे अन्य देशों ने इससे जुड़ने की अपनी इच्छा प्रकट की है. तब यह अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए प्रश्न खड़ा होता है, क्या गैर NPT सदस्य भी NSG का हिस्सा बन सकते हैं?

पिछले महीने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने कहा था कि चीन ने भारत की NSG सदस्यता की कोशिश रोकने में पाकिस्तान की मदद की.

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