
हिमालय की तलहटी और ऊंचाई वाले इलाकों में मौसम की गतिविधि जोर पकड़ रही है. मौसम विभाग के मुताबिक अगले 48 घंटों तक पहाड़ी इलाकों में लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है. वजह ये है कि पूर्वोत्तर भारत में मानसून पहुंचने के साथ ही हिमालय के निचले इलाकों में नम हवाओं की आमद बढ़ गई है.
हिमालयी क्षेत्रों में बादलों की आवाजाही तेज
ऐसे में सिक्किम से लेकर नेपाल के हिमालयी क्षेत्रों में बादलों की आवाजाही तेज हो गई है. बंगाल की खाड़ी से उठी नम हवाएं पूर्वोत्तर भारत से होती हुई तराई वाले इलाकों के ऊपर से हिमाचल और उत्तराखंड तक पहुंच रही हैं. जहां एक तरफ बंगाल की खाड़ी की नमी हिमालयी क्षेत्रों में पहुंच रही है तो वहीं दूसरी एक कमजोर वेस्टर्न डिस्टर्बेंस इस समय पहाड़ों के ऊपर से निकल रहा है.
उत्तराखंड और हिमाचल में झमाझम बारिश
इन दोनों वेदर सिस्टम में मेलमिलाप हो रहा है. लिहाजा उत्तराखंड और हिमाचल के तमाम इलाकों में बादलों की आवाजाही के बीच झमाझम बारिश की संभावना बनी हुई है. इस संभावना के बीच कई जगहों पर मध्यम से लेकर भारी बारिश भी रिकॉर्ड की जा सकती है.
चार धाम यात्रा के श्रद्धालुओं के लिए अलर्ट
मौसम की इन स्थितियों के बीच हिमालय में चार धाम यात्रा के तीर्थ स्थानों केदारनाथ, बद्रीनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री में लोगों को एहतियात बरतने को कहा गया है. मौसम विभाग के मुताबिक अगले दो दिनों तक इन सभी स्थानों पर यात्रियों को सतर्क रहने की जरूरत है. उसके बाद बारिश की संभावना थोड़ी सी घटेगी जरूर लेकिन बारिश थमेगी नहीं.
हिमाचल में मानसून पूर्व की बारिश
हिमाचल प्रदेश में भी अच्छी बारिश की पूरी संभावना बनी हुई है. इन सबके बीच उत्तर प्रदेश और बिहार के तराई वाले इलाकों में अगले चार-पांच दिनों तक झमाझम बारिश होने की संभावना जताई जा रही है. लेकिन ये बारिश मानसून से होने वाली बारिश नहीं है, बल्कि इसको मानसून पूर्व की बारिश की श्रेणी में रखा जा सकता है.
मानसून की रफ्तार में थोड़ी सी कमी
उधर मानसून की रफ्तार में थोड़ी सी कमी देखी गई है. नम हवाओं में आई कमी के चलते मानसून की बढ़त पिछले 24 घंटों में देखी नहीं गई है. मौसम विभाग का कहना है कि अभी मानसून की रेखा सिक्किम के गंगटोक से होती हुई दक्षिण भारत में गडग, कारवार और अंगोल से होकर गुजर रही है.
19 जून से फिर जोर पकड़ेगा मानसून
जानकारों का कहना है कि मानसून की रफ्तार 18 जून तक सुस्त रह सकती है. उसके बाद बंगाल की खाड़ी में एक कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना बन रही है. इस वेदर सिस्टम के
बनते ही 19 तारीख से मानसून एक बार फिर से जोर पकड़ेगा.
उत्तर भारत में 72 घंटों में तेज हवा के साथ बारिश
उत्तर भारत के मैदानी इलाकों की बात करें तो दिल्ली एनसीआर, हरियाणा और पंजाब में धूलभरी आंधियों के बीच गरज के साथ हल्की बारिश की संभावना अगले 72 घंटों तक बताई जा रही है. दिल्ली और आसपास के इलाकों में पिछले एक हफ्ते से तेज हवाओं के साथ हल्की बारिश का सिलसिला बना हुआ है.
मौसम विभाग का कहना है कि इस तरह की स्थिति अगले तीन दिनों तक बनी रहेगी. यानी उमस भरी गरमी के बाच धूल भरी आंधी और हल्की बारिश लोगों को परेशान करती रहेगी.