
जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के ताजा तेवरों के बाद जल्दी ही कश्मीर को लेकर रणनीति साफ करने के लिए कांग्रेस की अहम बैठक होगी. सोनिया गांधी ने हाल ही में कश्मीर के मुद्दे पर एक ग्रुप का गठन किया था, जिसकी अध्यक्षता पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को सौंपी गई थी. अब इसी हफ्ते इस ग्रुप की बैठक बुलाई जाएगी.
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अलावा ग्रुप में राज्यसभा में विपक्ष के नेता ग़ुलाम नबी आजाद, पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम, वरिष्ठ नेता कर्ण सिंह, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ग़ुलाम अहमद मीर, प्रदेश की प्रभारी महासचिव अम्बिका सोनी शामिल हैं. इस ग्रुप में जम्मू क्षेत्र के भी दो नेताओं को जगह दी गई है.
इस ग्रुप में संयोजक की भूमिका में अम्बिका सोनी हैं. फिलहाल डिफेंस कमेटी की बैठक के लिए कोलकाता गई हैं. अम्बिका सोनी ने 'आजतक' से कहा कि, "सत्ता के लालच में राज्य में दो अलग विचारधाराओं के बीच हुआ गठजोड़ ही समस्या की जड़ है. पीएम ने बाढ़ के वक्त जो वायदे किये वो अब तक पूरे नहीं हुए. विकास का वादा भी धरा का धरा रह गया. उल्टे आज कश्मीर के हालात बदतर हो गए हैं. मोदी सरकार की कश्मीर नीति साफ नहीं है."
इसके साथ ही कांग्रेसी नेता अम्बिका सोनी ने कहा, "सोनिया गांधी ने कश्मीर मुद्दे पर जो अहम ग्रुप बनाया है, कोलकाता से लौटकर मैं सबसे समय लेकर उस ग्रुप की बैठक फिक्स करूंगी. जिसके बाद कांग्रेस पार्टी समस्या के हल के लिए अपना पक्ष और राय जाहिर करेगी. लेकिन, फिलहाल तो मैं यही कह सकती हूं कि, मोदी सरकार कश्मीर मुद्दे पर फेल रही है."
सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस को लगता है कि कश्मीर मुद्दे पर मोदी सरकार फेल रही है. लेकिन ये एक संवेदनशील मसला है इसलिए इस पर सिर्फ मोदी सरकार को घेरने की बजाय समस्या के हल के लिए अपने विचारों के साथ कांग्रेस को सकारात्मक विपक्ष की भूमिका में सामने आना चाहिए. इसीलिए मनमोहन सिंह, कर्ण सिंह, आजाद और चिदंबरम सरीखे नेताओं के जरिए कांग्रेस अपने पक्ष के साथ जनता के सामने आना चाहती है.
वैसे भी कांग्रेस मानती है कि आज जिस वाजपेयी सरकार की नीतियों पर चलने की वकालत महबूबा कर रही हैं, उस पर ही मनमोहन सरकार चल रही थी जिसकी नीतियों को कमजोर बताकर तत्कालीन बीजेपी और नरेंद्र मोदी ने उसकी खूब आलोचना की थी. वहीं सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार की कश्मीर को लेकर स्पष्ट नीति नहीं रही उल्टे पीडीपी से बेमेल गठजोड़ कर लिया, जिससे घाटी के हालात और बिगड़ गए.