
असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने उग्रवादियों के साथ मुठभेड़ में एक पुलिस अफसर के शहीद होने की घटना और इससे जुड़े बुलेट प्रूफ जैकेट के मुद्दे पर उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं. बता दें कि 26/11 मुंबई आतंकी हमले के बाद असम की इस घटना के बाद सुरक्षाकर्मियों को मुहैया कराई जाने वाली बुलेट प्रूफ जैकेटों की क्वालिटी का मुद्दा फिर सुर्खियों में आ गया है.
असम पुलिस के सब इंस्पेक्टर भास्कर कलिता तिनसुकिया जिले में 4 मई शाम को प्रतिबंधित संगठन यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम- इंडिपेंडेंट (ULFA-I) के उग्रवादियों के साथ गोलीबारी में शहीद हो गए. बोर्डुम्सा पुलिस स्टेशन के ऑफिसर-इंचार्ज कलिता को मुठभेड़ के बाद अस्पताल ले जाया गया लेकिन उन्होंने वहां पहुंचने से पहले ही दम तोड़ दिया. कलिता ने जो बुलेट प्रूफ जैकेट पहनी हुई थी, उसमें दो छेद हो गए थे.
इस घटना के बाद से सुरक्षाकर्मियों को मुहैया कराई जाने वाली बुलेट प्रूफ जैकेटों की क्वालिटी पर सवाल उठ रहे हैं. आखिर स्पेशल ऑपरेशन्स में जब अत्याधुनिक हथियारों से लैस उग्रवादियों का सामना होता है तो सुरक्षाकर्मियों को उच्च क्वालिटी की बुलेटप्रूफ जैकेटों की जरूरत होती है.
बता दें कि वर्ष 2012 में असम सरकार के गृह विभाग ने पुलिस फोर्स के आधुनिकीकरण के तहत 1260 लाइट वेट बुलेटप्रूफ जैकेटों की खरीद की थी. सीएजी ने बुलेट प्रूफ जैकेट की आपूर्ति में अनियमितताओं का हवाला दिया. 26/11 मुंबई आतंकी हमले के बाद महाराष्ट्र पुलिस के लिए 4600 बुलेटप्रूफ जैकेट की खरीद की गई जिनमें से 1430 जैकेट वापस कर दी गईं. ये जैकेट एके-47 बुलेट टेस्ट में फेल रही थीं.
असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं. इसमें बुलेट प्रूफ जैकेट की क्वालिटी का भी मसला शामिल है. असम के नवनियुक्त डीजेपी कुलाधर सेकिया ने भी कहा है कि बुलेट प्रूफ जैकेट की आपूर्ति से जुड़े हर पहलू की जांच की जाएगी.