
दक्षिण एशिया संचार उपग्रह जीसैट-9 के प्रक्षेपण के लिए 17 घंटे का काउंटडाउन शुरू हो गया है. इस उपग्रह के प्रक्षेपण से दक्षिण एशियाई देशों के बीच संपर्क को बढ़ावा मिलेगा. इस भूस्थिर संचार उपग्रह का निर्माण भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने किया है. इसका प्रक्षेपण यहां से करीब 100 किलोमीटर दूर श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से किया जाएगा.
जीसैट- 9 को भारत की ओर से उसके दक्षिण एशियाई पड़ोसी देशों के लिए उपहार माना जा रहा है. इस उपग्रह को इसरो का रॉकेट जीएसएलवी एफ- 09 लेकर जाएगा. इसरो के अध्यक्ष ए एस किरण कुमार ने कहा, 'शुक्रवार शाम को चार बजकर 57 मिनट पर प्रक्षेपण होगा. सभी गतिविधियां सुचारू रूप से चल रही हैं.'
12 साल है जीसैट-9 की लाइफटाइम
जीसैट को लेकर जाने वाले जीएसएलवी एफ-09 का प्रक्षेपण चेन्नई से करीब 135 किलोमीटर दूर श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लांचिंग पैड से होगा. इसरो ने बताया कि जीएसएलवी एफ-09 (जीसैट-9) मिशन के ऑपरेशन का 28 घंटे का काउंटडाउन गुरुवार दोपहर 12 बजकर 57 मिनट पर शुरू हुआ.
आठ सार्क देशों में से सात भारत, श्रीलंका, भूटान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल और मालदीव इस प्रोजेक्ट का हिस्सा हैं. पाकिस्तान ने यह कहते हुए इससे बाहर रहने का फैसला किया कि उसका अपना अंतरिक्ष कार्यक्रम है. इस उपग्रह की लागत करीब 235 करोड़ रुपये है और इसका उद्देश्य दक्षिण एशिया क्षेत्र के देशों को संचार और आपदा सहयोग मुहैया कराना है. इसका मिशन लाइफटाइम 12 साल का है.
PM मोदी की स्पेस डिप्लोमेसी
मई 2014 में सत्ता में आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसरो के वैज्ञानिकों से सार्क सैटेलाइट बनाने के लिए कहा था, जो पड़ोसी देशों को भारत की ओर से उपहार होगा. बीते रविवार को मन की बात कार्यक्रम में मोदी ने घोषणा की थी कि दक्षिण एशिया उपग्रह अपने पड़ोसी देशों को भारत की ओर से कीमती उपहार होगा.
मोदी ने कहा था, 'पांच मई को भारत दक्षिण एशिया उपग्रह का प्रक्षेपण करेगा. इस परियोजना में भाग लेने वाले देशों की विकासात्मक जरुरतों को पूरा करने में इस उपग्रह के फायदे लंबा रास्ता तय करेंगे. भविष्य के प्रक्षेपणों के बारे में पूछे जाने पर कुमार ने कहा कि इसरो जीएसएलवी एमके-3 के बाद पीएसएलवी का प्रक्षेपण करेगा.
उन्होंने कहा कि इसरो अगले साल की शुरूआत में चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण करेगा. इससे पहले संचार उपग्रह जीएसएटी-8 का प्रक्षेपण 21 मई 2011 को फ्रेंच गुएना के कोउरो से हुआ था.