
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पटियाला हाउस कोर्ट में अपने खिलाफ चल रहे आपराधिक मानहानि मामले पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर हाई कोर्ट बुधवार को अपना फैसला सुनाएगा. 25 जुलाई को हाई कोर्ट ने इस याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने 19 मई के पटियाला कोर्ट के उस फैसला को चुनौती दी है, जिसमें कोर्ट ने मामले की सुनवाई तब तक टालने से इनकार किया गया है, जब तक हाई कोर्ट 10 करोड़ के सिविल मानहानि मामले में कोई फैसला नहीं सुनाता है. मुख्यमंत्री और पांच आप नेताओं के खिलाफ ये दोनों ही याचिकाए केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दायर की है.
मुख्यमंत्री की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी ने मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट को कहा था कि एक ही मसले पर सिविल और आपराधिक दो मामले दायर किए गए हैं. इसमें से एक मामले में सुनवाई पर रोक लगाई जा सकती है. वहीं जेटली के वकील हरिश साल्वे और सिद्धार्थ लूथरा का तर्क था था कि वर्तमान समय में शब्द तलवार से अधिक ताकतवर होते हैं. लिहाजा मुख्यमंत्री के साथ कोई अन्याय नहीं होगा, अगर दोनों मामले अलग-अलग चलते हैं.
मामले में अरविंद केजरीवाल के अलावा आप नेता कुमार विश्वास, आशुतोष, राघव चड्ढा, संजय सिंह और दीपक वाजपेयी आरोपी हैं. दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) में कथित भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए दिसंबर 2015 में मुख्यमंत्री और कुछ आप नेताओं ने वित्तमंत्री अरुण जेटली के खिलाफ बयानबाजी की थी. जिसके बाद वित्तमंत्री ने हाई कोर्ट में सिविल और पटियाला हाउस कोर्ट में आपराधिक मामला दायर किया था.