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दिल्ली हाईकोर्ट ने जारी किया बड़ा आदेश, DU में नियुक्त हो लोकपाल

दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे छात्र-छात्राओं की शिकायतों के निपटारे के लिए 4 महीने में लोकपाल नियुक्त करने के आदेश दिए हैं. हाई कोर्ट ने 4 महीने के भीतर आदेश के पालन की बात कही है.

दिल्ली हाई कोर्ट दिल्ली हाई कोर्ट
पूनम शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 04 फरवरी 2017,
  • अपडेटेड 7:04 AM IST

दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे छात्र-छात्राओं की शिकायतों के निपटारे के लिए 4 महीने में लोकपाल नियुक्त करने के आदेश दिए हैं. हाई कोर्ट ने 4 महीने के भीतर आदेश के पालन की बात कही है. दिल्ली यूनिवर्सिटी के अलावा यूजीसी के अंतर्गत आने वाली बाकी यूनिवर्सिटी को भी लोकपाल यानि प्रशासनिक शिकायत जाँच अधिकारी की नियुक्ति के आदेश यूजीसी एक्ट के प्रावधानों के तहत दिए गए हैं.

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पहले से ही रहा है प्रावधान, नहीं होता पालन
यूजीसी एक्ट 1956 के 2012 मे किये गए रेगुलेशन (4) केमुताबिक हर यूनिवर्सिटी को छात्रों की समस्याओं को सुनने और उन्हें हल करने के लिए लोकपाल या शिकायत जांच अधिकारी (Ombudsman) नियुक्त करना अनिवार्य है. हालांकि देश की अधिकांश यूनिवर्सिटी यूजीसी के इस रेगुलेशन का पालन नहीं करती. दिल्ली यूनिवर्सिटी मे भी ऐसा ही हुआ. दिल्ली यूनिवर्सिटी से वकालत की पढ़ाई कर रहे एक छात्र ने इसके खिलाफ हाई कोर्ट में एक याचिका लगाई. जिस पर हाई कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है.

ऐसा न करना छात्रों के साथ अन्याय
हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि यूजीसी अपने एक्ट की रेगुलेशन (9) के तहत ऐसी यूनिवर्सिटी के खिलाफ एक्शन लेने के लिए स्वतंत्र है जो हाई कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करते हैं. यूनिवर्सिटी के वाईस चांसलर को प्रशासनिक शिकायत जांच अधिकारी नियुक्त करने का अधिकार है. हाई कोर्ट ने कहा कि अभी तक यूनिवर्सिटी ने यह नियुक्ति न करके न सिर्फ यूजीसी एक्ट की अवहेलना की है बल्कि छात्रों के साथ भी अन्याय किया है.

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हाई कोर्ट द्वारा दिए गए इस महत्वपूर्ण फैसले से यूनिवर्सिटी मे पढ़ने वाले उन लाखों छात्रों को बड़ी राहत मिलेगी जो पढ़ाई के दौरान अपनी किसी भी समस्या को यूनिवर्सिटी के भीतर किन्हीं प्लेटफॉर्म पर नहीं रख पाते. इससे ऐसी उम्मीद जगती है कि यूजीसी के अधीन आने वाली यूनिवर्सिटी 4 महीने मे अपने छात्रों को ये प्लेटफार्म मुहैया कराएगी और छात्रों को समस्याएं न सिर्फ सुनी जायेंगी बल्कि सुलझायी भी जायेंगी.


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