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अभी तो पटाखे जले भी नहीं, पहले ही जहरीली हो गई दिल्ली की हवा

दिल्ली सरकार ने लोगों से अपील की है कि दिवाली पर केवल ग्रीन पटाखे ही जलाएं, अगर दिल्ली की हवा को सांस लेने लायक बनाना है तो पटाखों से हमें परहेज करना होगा.

दिल्ली के RML हॉस्पिटल में मरीज की जांच करते डॉक्टर [फोटो रॉयटर्स] दिल्ली के RML हॉस्पिटल में मरीज की जांच करते डॉक्टर [फोटो रॉयटर्स]
रविकांत सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 07 नवंबर 2018,
  • अपडेटेड 11:09 AM IST

अगर दिल्ली- एनसीआर के लोगों ने पटाखे जलाने से परहेज नहीं किया तो यहां की हवा और खराब हो सकती है. बुधवार को हालात खराब रहे, हालांकि बुधवार को हवा 'बेहद गंभीर' से 'गंभीर' श्रेणी में आई. विशेषज्ञों का कहना है कि अस्थमा के मरीजों का ध्यान रखने की जरूरत है. बच्चों का भी ख्याल रखना चाहिए.

बुधवार को लोधी रोड इलाके में प्रदूषण का स्तर बेहद खराब रहा. यहां 2.5 का स्तर 228 (खराब) और पीएम 10 का स्तर 232 (खराब) दर्ज किया गया. पूरी दिल्ली में पीएम 2.5 का औसत 351 दर्ज किया गया.

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मंगलवार को दिल्ली का एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (एक्यूआई) सुबह 9 बजे 403 रहा. यह सोमवार को इसी समय 415 था, जो शाम तक 435 हो गया था. भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक, सुबह के समय हल्की धुंध रही, जिससे प्रदूषण के तत्व भी थे. मंगलवार को नमी में थोड़ी सी गिरावट आई.

प्रदूषण पर नजर रखने वाली एजेंसियों ने कहा कि पड़ोसी राज्यों से पराली जलने से प्रदूषकों में हल्की गिरावट आई है. एयर क्वॉलिटी और मौसम पूवार्नुमान और शोध (सफर) के मुताबिक, यह स्थिति दिवाली तक रहेगी. उनका कहना है कि पटाखों के प्रदूषण में अगर कमी होती है, तो इसमें सुधार होने की संभावना है.

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री इमरान हुसैन ने मंगलवार को दिल्लीवासियों से हरित, पटाखा-मुक्त दिवाली मनाने का आग्रह किया, क्योंकि शहर की हवा की क्वॉलिटी 'बेहद खराब' है.

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एक बयान में उन्होंने लोगों को दिवाली की शुभकामनाएं दीं और वायु प्रदूषण कम करने में सहयोग करने को कहा। उन्होंने कहा, "साल 2018 में दिल्ली के निवासियों और सरकारी एजेंसियों के संयुक्त प्रयासों के कारण बेहतर वायु गुणवत्ता वाले अधिक दिन देखने को मिले हैं। हालांकि, हमें दिवाली पर और उसके बाद भी अपने प्रयासों को सामूहिक रूप से जारी रखने की जरूरत है।"

उन्होंने कहा, "मैं वायु प्रदूषण में योगदान देने वाले सभी संबंधित लोगों से इसे कम करने अपील करता हूं। पटाखा-मुक्त दिवाली का जश्न एक ऐसा ही कदम है, और मुझे आशा है कि दिल्ली के निवासी अपना सकारात्मक योगदान जारी रखेंगे।"

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