
कश्मीर में शांति के लिए केंद्र सरकार की ओर से नियुक्त किए गए वार्ताकर दिनेश्वर शर्मा का कहना है कि उनके पास कोई ऐसी छड़ी नहीं है, जिसके घुमाते ही शांति कायम हो जाएगी. शर्मा कल से कश्मीर में बातचीत की प्रक्रिया शुरू करेंगे. इस दौरान वे कई पक्षों से मिलेंगे.
समाचार एजेंसी भाषा से बातचीत में उन्होंने कहा कि मेरे प्रयासों को अतीत के चश्मे से नहीं, बल्कि गंभीरता के साथ परखना होगा. खुफिया ब्यूरो के पूर्व प्रमुख ने कहा कि कश्मीर में कई पक्षों के साथ बातचीत की प्रक्रिया आरंभ होने से पहले किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचना चाहिए. उन्होंने कहा कि मैं अपना कामों से परखा जाना चाहूंगा. अपने काम को ‘गंभीर प्रयास’ करार देते हुए शर्मा ने कहा कि हवा में तीर चलाने से बचना चाहिए.
उन्होंने कहा कि मैं कल अपने लोगों के साथ जा रहा हूं. मैं उनके दर्द और पीड़ा को समझता हूं तथा उनकी समस्याओं को लेकर एक उचित समाधान पाना चाहता हूं. मीडिया के कुछ हिस्सों में हुई आलोचना के जवाब में शर्मा ने कहा कि इस मुश्किल लक्ष्य को हासिल करने के लिए वह बुद्धिजीवियों के साथ मुलाकात करेंगे.
उन्होंने कहा कि खुफिया ब्यूरो के साथ जुड़े रहने के सफर के दौरान कश्मीर उनका दूसरा घर था. शर्मा ने कहा कि मैं जब पहली बार कश्मीर गया था तब से कुछ नहीं बदला है. कश्मीरियत में कोई बदलाव नहीं आया है. ऐसे में आशावान हूं कि मैं नए कश्मीर, एक शांतिपूर्ण घाटी की दिशा में योगदान दे सकूंगा जहां समृद्धि और रोजमर्रा की बात होगी.
पीएम मोदी ने बीते 15 अगस्त के अपने भाषण में कहाथा कि ‘ना गाली से , ना गोली से, परिवर्तन होगा गले लगाने से.’ यह पूछे जाने पर कि वह आगे क्या करेंगे तो शर्मा ने कहा कि मेरे पास कोई जादू की छड़ी नहीं है कि रातों-रात हालात बदल दूं. परंतु मेरी यह कोशिश होगी कि राज्य में स्थायी शांति सुनिश्चित की जाए.