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रिश्तों में नया अध्याय, चाबहार बंदरगाह के जरिए भारत ने अफगानिस्तान भेजी गेहूं की पहली खेप

बयान में कहा गया है, "अफगानिस्तान के लोगों के लिए 11 लाख टन गेहूं की यह खेप भारत सरकार द्वारा दिए गए वचन का हिस्सा है, जिसमें कहा गया था कि वह अफगानिस्तान को अनुदान के आधार पर गेहूं भेजेगा."

विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने भारत से अफगानिस्तान जाने वाले गेहूं की पहली खेप को हरी झंडी दिखाई विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने भारत से अफगानिस्तान जाने वाले गेहूं की पहली खेप को हरी झंडी दिखाई
नंदलाल शर्मा
  • नई दिल्ली ,
  • 30 अक्टूबर 2017,
  • अपडेटेड 9:12 AM IST

भारत और अफगानिस्तान ने ईरान के साथ मिलकर अपने रिश्ते को नया आयाम दिया है. विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने रविवार को ईरान के चाबहार बंदरगाह के जरिए अफगानिस्तान को गेहूं की पहली खेप को हरी झंडी दिखाई. अफगानिस्तान को अनुदान के रूप में दिए जाने वाले गेहूं की यह पहली खेप है.

विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और अफगानिस्तान के विदेश मंत्री सलाहुद्दीन रब्बानी ने संयुक्त वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए भारत से अफगानिस्तान जाने वाले गेहूं की पहली खेप को हरी झंडी दिखाई, जो ईरान के चाबहार बंदरगाह के जरिए अफगानिस्तान पहुंचेगी."

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बयान में कहा गया है, "अफगानिस्तान के लोगों के लिए 11 लाख टन गेहूं की यह खेप भारत सरकार द्वारा दिए गए वचन का हिस्सा है, जिसमें कहा गया था कि वह अफगानिस्तान को अनुदान के आधार पर गेहूं भेजेगा."

विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों देशों के विदेश मंत्रियों ने चाबाहार बंदरगाह के माध्यम से अफगानिस्तान जाने वाली इस पहली खेप का स्वागत किया है. भारत, ईरान और अफगानिस्तान के बीच परिवहन और पारगमन गलियारे के रूप में इस बंदरगाह को विकसित करने लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी के बीच पिछले साल मई में त्रिपक्षीय समझौता हुआ था.

विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा है, "अगले कुछ महीनों में अफगानिस्तान को गेहूं की छह और खेप भेजी जाएगी. दोनों देशों के मंत्री अफगानिस्तान की जनता एवं क्षेत्र के फायदे और समृद्धि के लिए सहयोग करने के लिए प्रतिबद्ध हैं."

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अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी के 24 अक्टूबर के भारत दौरे के बाद गेहूं की यह खेप अफगानिस्तान भेजी गई है. भारत हिंसाग्रस्त अफगानिस्तान का प्रमुख विकास सहायता साझेदार रहा है.  विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा है, "गेहूं की यह खेप बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह अफगानिस्तान के लिए एक वैकल्पिक, विश्वसनीय और मजबूत संपर्क के रूप में चाबाहार बंदरगाह के संचालन के रास्ते खोलेगा."

बयान में कहा गया है, "यह भारत से अफगानिस्तान के लिए व्यापार और पारगमन के नए अवसर खोलेगा और तीनों देशों एवं व्यापक क्षेत्र के बीच व्यापार और वाणिज्य को बढ़ाएगा."

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