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वोटिंग से पहले चुनाव प्रचार बंद करने के कानून की समीक्षा करेगा EC पैनल

चुनाव आयोग ने मतदान से 48 घंटे पहले प्रचार अभियान बंद करने के कानून के एक प्रावधान में संशोधनों को लेकर सलाह देने के लिए एक पैनल गठित किया है. ऐसा सूचना प्रौद्योगिकी के साथ चुनाव कानून में तालमेल बनाए रखने में नाकाम रहने की शिकायत के बाद किया गया है.

फाइल फोटो फाइल फोटो
राम कृष्ण
  • नई दिल्ली,
  • 13 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 8:39 AM IST

चुनाव आयोग ने मतदान से 48 घंटे पहले प्रचार अभियान बंद करने के कानून के एक प्रावधान में संशोधनों को लेकर सलाह देने के लिए एक पैनल गठित किया है. ऐसा सूचना प्रौद्योगिकी के साथ चुनाव कानून में तालमेल बनाए रखने में नाकाम रहने की शिकायत के बाद किया गया है.

इस पैनल की अध्यक्षता वरिष्ठ उप चुनाव आयुक्त उमेश सिन्हा करेंगे. इसमें चुनाव आयोग से आठ अन्य सदस्य होंगे. समिति में कानून मंत्रालय, सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से एक-एक सदस्य होंगे.

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दो अन्य सदस्य प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया और नेशनल ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन से होंगे. यह पैनल अगले तीन महीनों में चुनाव आयोग को अपनी रिपोर्ट सौंप देगा. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की फिक्की बैठक, राहुल गांधी के टीवी साक्षात्कारों और बीजेपी के चुनावी घोषणापत्र जारी करने (सभी गुजरात विधानसभा का चुनाव प्रचार खत्म होने के बाद हुए) को लेकर उपजे विवादों के मद्देनजर कमेटी गठित करने का कदम सामने आया है.

मालूम हो कि गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान एक टीवी चैनल ने राहुल गांधी के इंटरव्यू का प्रसारण किया था, जिसको लेकर काफी विवाद हुआ था. मामले को लेकर चुनाव आयोग ने राहुल गांधी को नोटिस भेजा था और इंटरव्यू दिखाने वाले चैनल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था. हालांकि बाद में कांग्रेस के कड़े विरोध के बाद आयोग ने नोटिस वापस ले लिया था.

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इसके अलावा  गुजरात विधानसभा चुनाव  के दौरान बीजेपी ने अपना घोषणा पत्र जारी किया था, जिसको लेकर भी काफी विवाद हुआ था.

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