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2019 लोकसभा चुनावों में VVPAT मशीनों 100 फीसदी का होगा प्रयोग: चुनाव आयोग

देश के सभी बूथों पर वोटर वैरिफाइएबल पेपर ऑडिट ट्रेल यानी वीवीपैट मशीनें 2019 चुनावों से पहले मुहैया कराने मे देरी की रिपोर्ट को खारिज करते हुए चुनाव आयोग ने कहा है कि चुनाव आयोग लगातार मशीन के उत्पादन और वितरण पर नजर बनाए हुए है. लोकसभा चुनावों की तैयारी के लिए सभी मशीनें तय समय के भीतर मुहैया करा दी जाएंगी.

प्रतीकात्मक फोटो प्रतीकात्मक फोटो
विवेक पाठक
  • नई दिल्ली,
  • 25 जुलाई 2018,
  • अपडेटेड 7:27 PM IST

देश के सभी बूथों पर वोटर वैरिफाइएबल पेपर ऑडिट ट्रेल यानी वीवीपैट मशीनें 2019 चुनावों से पहले मुहैया कराने में देरी की रिपोर्ट को खारिज करते हुए चुनाव आयोग ने कहा है कि लोकसभा चुनावों में सभी बूथों पर वीवीपैट मशीनें उपलब्ध कराने के लिए 16.15 लाख वीवीपैट मशीनों का ऑर्डर दिया गया है.

चुनाव आयोग लगातार मशीन के उत्पादन और वितरण पर नजर बनाए हुए है. लोकसभा चुनावों की तैयारी के लिए सभी मशीनें तय समय के भीतर मुहैया करा दी जाएंगी.

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बता दें कि अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस को सूचना के अधिकार से मिली जानकारी के अनुसार चुनाव आयोग ने कहा है कि हालांकि सभी ईवीएम मशीनों का वितरण 30 सितंबर 2018 तक हो जाएगा,  लेकिन वीवीपैट मशीनों की डिलिवरी में महज डेढ़ महीने की देरी आ सकती है. क्योंकि आयोग द्वारा गठित तकनीकी विशेषज्ञ समिति शुरूआती खेप में आई मशीनों की जांच कर उसमें होने वाले तकनीकी सुधारों को शामिल करती है.

हालांकि चुनाव आयोग का कहना है कि उसके द्वारा लगातार उच्च स्तरीय निगरानी और आयोग के अधिकारियों के उत्पादन इकाइयों का दौरा होने है. इसके बाद लोकसभा चुनावों के तय समय के भीतर यानी नवंबर 2018 के अंत तक सभी वीवीपैट मशीनों का वितरण हो जाएगा.

रिपोर्ट में कहा गया है कि चुनाव आयोग द्वारा 16.15 लाख वीवीपैट मशीनों के ऑर्डर दिए जाने के 14 महीने बाद भी 19 जून 2018 तक संबंधित कंपनी BEL और ECIL की तरफ से सिर्फ 22 प्रतिशत यानी 3.48 लाख मशीनों की आपूर्ति हो पाई है.

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आरटीआई के जवाब में आयोग का कहना है कि BEL और ECIL ने अब तक 5.88 लाख (4.36 लाख BEL और 1.52 लाख ECIL) वीवीपैट मशीनों का उत्पादन कर लिया है, जो कुल ऑर्डर का 36 फीसदी है. वहीं शेष 10.27 लाख मशीनों के लिए कंपनियों की तरफ से आश्वासन दिया गया है कि इसकी आपूर्ति सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को नवंबर 2018 के अंत तक कर दी जाएगी.

बता दें कि चुनाव आयोग ने वीवीपैट, बैलेट यूनिट और कंट्रोल यूनिट के लिए BEL और ECIL को पिछले साल सितंबर में ऑर्डर दिए थे, जिनकी डिलिवरी इसी साल सितंबर तक होनी थी, लेकिन ये कंपनियां इस लक्ष्य को पाने में नाकाम रही है. जिसकी वजह से तय मशीनों की आपूर्ति में डेढ़ महीने की देरी होगी.

बहरहाल सियासी गलियारे मे इस तरह की हलचल थी कि सरकार लोकसभा चुनाव जल्द करा सकती है. जिसके बाद यह रिपोर्ट आई कि वीवीपैट मशीनों की आपूर्ति तय समय पर न हो पाने की वजह से शायद यह संभव न हो पाए. अब चुनाव आयोग की तरफ से जो सफाई आई है यह इस बात की तस्दीक करता है कि अगर सरकार चाहे तो चुनाव जल्द करा सकती है.

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