
आम बजट पेश होने से पहले वर्ष 2019-2020 के आर्थिक सर्वे पर कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा है. कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रिनेत ने कहा है कि 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था 2024 तक बनने के लिए भारत को 9 फीसदी की वृद्धि दर अपनानी होगी. सर्वेक्षण ने चर्चा के लिए जमीन तैयार की है. इस बजट में सरकारी घाटे का विस्तार होगा. क्रेडिट एजेंसिया भारत को डिग्रेड करेंगी. भारत में मेक इन इंडिया के प्रोजेक्ट पर जोर दिया जा रहा है लेकिन वास्तविक स्थितियां इसके उलट हैं.
ये भी पढ़ेंः मोदीराज में सस्ती हो गई आम आदमी की थाली! प्रति परिवार एक साल में बचे 11,787 रुपये
सुप्रिया श्रिनेत ने कहा कि सर्वे सब स्केल बैंक की बात रहा है. हम देख रहे हैं कि विलय के साथ संघर्ष कर रहे हैं. वहीं कांग्रेस नेता राजीव गौड़ा ने कहा कि भारत बेहद कठिन दौर से गुजर रहा है. यह सर्वे हकीकत से बेहद उलट है. 1947 से चली आ रही वास्तविकता की यह सर्वे उपेक्षा कर रहा है. बेरोजगारी की दर ऐतिहासिक रूप से ज्यादा है. 5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था महज एक खोखला सपना है.
कांग्रेस नेता ने कहा कि बुलेट ट्रेन के धुंधले सपनों के बीच घटता किराया राजस्व भारतीय रेलवे की बदहाली को बयां कर रहा है. बीजेपी सरकार का बेहतर सुविधाओं का दावा खोखला साबित हो रहा है. आयुष्मान भारत योजना पूरी तरह से फिसड्डी साबित हुई. क्योंकि, बीजेपी सरकार की नीयत में ही खोट था और इस योजना के लिए आवंटित धन राशि का 66% हिस्सा खर्च न करना इस बात का सबूत है.
सुप्रिया श्रीनेता ने कहा कि शिक्षा के नाम से ही बीजेपी सरकार को डर लगता है. यही कारण है कि शिक्षण संस्थान बीजेपी के निशाने पर हैं और शिक्षा पर लगातार कम होता खर्च भी बीजेपी के शिक्षा विरोधी रवैये को दर्शाता है. बीजेपी को डर है कि पढ़ा-लिखा हिंदुस्तान इनकी नाकामियों पर सवाल खड़े करेगा.
ये भी पढ़ेंः बजट से एक दिन पहले सेंसेक्स 190 अंक टूटा, निफ्टी 12 हजार के नीचे बंद
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजीव गौड़ा ने कहा कि पूर्व वित्त सचिव ने हाल ही में कहा कि राजकोषीय घाटा सरकार के दावों की तुलना में काफी अधिक है। इस वास्तविक स्थिति के बारे में बताने की ज़िम्मेदारी मुख्य आर्थिक सलाहकार और आर्थिक सर्वेक्षण की है.